(Pi Bureau)
लखनऊ : कभी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे कबीना मंत्री और मुलायम सिंह के अनुज शिवपाल यादव ने कहा है कि वह नहीं चाहते थे कि अमर सिंह की दोबारा वापसी हो, वह इसके पक्षधर नहीं थे क्योंकि वह जान रहे थे उनको उचित सम्मान नहीं मिलेगा । अमर सिंह की 2016 में सपा में वापसी हुयी थी जिसके बाद उनको राज्यसभा भेजा गया था । शिवपाल यादव अपने नए समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन के मामले में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मीडिया द्वारा यह पूछने पर कि क्या अमर सिंह उस मोर्चे का हिस्सा होंगे, उन्होंने कहा,अब बाद में सोचेंगे। इसमें जिसको भी लिया जाएगा, उसका सम्मान होना चाहिये। शिवपाल ने अगले महीने मोर्चा के गठन का एलान किया है। यह मोर्चा उस सपा का ही अंग होगा, जिसके अध्यक्ष उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भतीजे अखिलेश यादव हैं।मालूम हो कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले अमर सिंह वर्ष 2010 में सपा से निष्कासन के बाद पिछले साल मई में पार्टी में वापस आये थे। माना जाता है कि मुलायम के निर्णय पर उन्हें एक बार फिर राज्यसभा भेजा गया था। हालांकि, पार्टी में उनकी वापसी सपा महासचिव रामगोपाल यादव और आजम खां को नागवार गुजरी थी। बहरहाल, अमर सिंह को गत एक जनवरी को आयोजित सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित निर्णय के तहत पार्टी से एक बार फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उसी दिन सपा अध्यक्ष बने अखिलेश यादव ने अपने परिवार में हुए विवाद के लिये अमर को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें ‘‘बाहरी व्यक्ति’ की संज्ञा दी थी। सपा में अखिलेश के वर्चस्व के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल ने अब एक नयी पहल के तहत समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन का ऐलान किया है। इसकी औपचारिक घोषणा अगले महीने होने की सम्भावना है। यह पूछे जाने पर कि अगर परिवार का झगड़ा शांत नहीं हुआ, तो क्या उनका मोर्चा चुनाव मैदान में उतर सकता है, शिवपाल ने कहा कि अभी तो कोई चुनाव नहीं होने हैं। लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 में होना है। बाद में जो स्थिति बनेगी, उसके हिसाब से काम किया जाएगा ।