लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है, जिसे ‘संकल्प पत्र’ का नाम दिया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक यानि साल 2022 तक के लिए हमने 75 संकल्प लिए हैं। बीजेपी के घोषणापत्र में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा गया है।
भाजपा से अलग है जदयू का घोषणा पत्र
भाजपा के घोषणापत्र को जहां विपक्ष ने झूठ का पुलिंदा करार दिया है वहीं एनडीए में भाजपा की सहयोगी जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव ने भी घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी का घोषणा पत्र अलग है और जेडीयू का अलग। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 A पर बीजेपी से हमारी असहमति है, राम मंदिर का निर्माण हम संविधान के दायरे में और आपसी सहमति से चाहते हैं।
जदयू परिवारवाद और जातिवाद की पक्षधर नहीं
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि हम परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति के पक्षधर नहीं हैं। हम भ्रष्टाचार में संलिप्त व्यक्ति के उच्च पदों पर होने के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को देश में एक और अवसर मिलना चाहिए।
जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि धारा 370 को लेकर बीजेपी जदयू से असहमत है। ये भाजपा का पुराना स्टैंड है और हर पार्टी को अपना स्टैंड रखने का हक है। भाजपा को इस मुद्दे पर हमारा भी स्टैंड पता है और जदयू अपने पुराने स्टैंड पर आज भी कायम है।
रामजन्मभूमि और तीन तलाक पर आज भी अपने स्टैंड पर कायम है जदयू
आलोक ने कहा कि धारा 370, राम जन्मभूमि और तीन तालक पर जदयू की राय भाजपा से अलग है। बता दें कि जदयू ने भी अपना अलग घोषणा पत्र जारी किया है। लेकिन, इस घोषणापत्र में राय अलग होने के तमाम विरोधों के बावजूद गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
भाजपा ने कहा-जदयू राज्यस्तरीय पार्टी है, भाजपा राष्ट्रीय पार्टी
भाजपा के घोषणा पत्र पर जदयू के बयान के बाद भाजपा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस पर बीजेपी उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय संदर्भ में हमने इस घोषणा पत्र को जारी किया है। जदयू बिहार की पार्टी है उनके अलग एजेंडे हैं, वही भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है और बीजेपी भारत को अखण्ड बनाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि 370 और 35A पर हम आज भी कायम हैं। हम अयोध्या मन्दिर मुद्दे पर भी कायम हैं। हमारे लिए पहले राष्ट्रहित है उसके बाद कोई दूसरा काम है।