लखनऊविवि के गिरफ्तार छात्रनेताओं की बिना शर्त रिहाई और विवि की वितीय अनियमितताओं के खिलाफ हज़रतगंज में छात्रो का मशाल जुलूस !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ, 12 जून : लविवि के सैंकड़ो छात्र ने आज दमन विरोधी मोर्चा लखनऊ विश्वविद्यालय के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला . आक्रोशित छात्र विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं , गिरफ्तार छात्रों की तत्काल बिना शर्त रिहाई ,  छात्रों पर लगे फर्जी मुकदमों की वापसी ,  छात्रों का निलंबन वापस लेने ,  कुलपति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच जैसे मुद्दों को लेकर सड़क पर थे . विश्वविद्यालय और संबध डिग्री कालेज के आंदोलित छात्र एसएफआई के राज्य कार्यालय में शाम 5 बजे से जमा होना शुरू हो गए थे. जुलूस एसएफआई राज्य कार्यालय से नारे लगता हुआ शाम 6 बजे के करीब उठा जो जीपीओ तक जाकर एक सभा में तब्दील हो गया. जुलूस में बड़े पैमाने पर छात्राये शामिल थी जो शाम हज़रतगंज में शाम का लुफ्त उठाने वाले जोड़ो के लिए कौतुहल का विषय था. जुलूस में नारे लगते छात्रो को देखकर आसपास गुजरने वाले लोगो ने छात्रो की हौंसला अफजाई भी की . जुलूस जीपीओ में पहुँच कर एक सभा में तब्दील हो गया जहाँ छात्र नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि छात्रों के पैसे का लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति दुरुपयोग कर रहे हैं . छात्रों का पैसा संघ भाजपा के कार्यक्रम में खर्च किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इस संदर्भ में वित्तीय अधिकारी में जब फंड रिलीज करने से मना कर दिया तब कुलपति ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए छात्रो के पैसो को उक्त कार्यक्रम में लगाया, जिसके लिए वित्त नियंत्रक सुरेश चन्द्र ने वीसी तक को पत्र लिखकर इस बाबत जानकारी दी और फण्ड के दुरूपयोग का सवाल खड़ा किया. सभा में बोलते हुये छात्रो ने मांग कि छात्रों को निलंबित किया जाना कुलपति के तानाशाही पूर्ण रवैया को दिखाता है , इस एकतरफा कार्यवाही का छात्र विरोध करते है और मांग करते है कि विवि प्रशासन को छात्रो का भी मत सुनना चाहिये . वक्ताओं ने इस पूरी कार्यवाही को अन्यायपूर्ण बताते हुये इसे भाजपा और प्रदेश सरकार की शह पर किया गया कृत्य बताया और कहा लविवि पूरी तौर पर सरकार की कठपुतली बन चूका है . उनका कहना था की छात्रो ने अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों के तहत विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद प्रदेश सरकार की शह पर शासन ने उनपर फर्जी मुकदमे लाद कर जेल भेजा और जमानत नामंजूर कर दिया . छात्रो का आरोप है कि उक्त कार्यवाही सरकार के इशारे पर की गयी है और इसको छात्र बर्दास्त नहीं करेगा , छात्रो की जल्द रिहाई न हुयी तो यह आन्दोलन पूरे प्रदेश में फैलेगा और प्रदेश का चक्का जाम करदेगा . बताते चले छात्रो के इस अन्दोनल को सपा कांग्रेस सहित वाम दलों का समर्थन हांसिल है . आज बसपा ने भी छात्रो के इस आन्दोलन को अपना समर्थन देते हुये कहा कि मौजूदा सरकार पूरी तौर पर दलित और छात्र विरोधी है . इसके अलावा इस आन्दोलन को प्रदेश के प्रगतिशील तबके सहित ट्रेड यूनियन , युवा संगठनो , रंगकर्मियों , थिएटर एक्टिविस्ट , लेखक और पत्रकारों के एक धडे का समर्थन हांसिल है .मशाल  जुलूस में छात्र , छात्रों को बिना शर्त तत्काल लिखा करो ,छात्रों का निलंबन वापस करो ,  छात्रों पर फर्जी मुकदमे वापस लो , लखनऊ विद्यालय में वित्तीय अनियामितिताओं करने वालो को निलंबित करो , प्रदेश सरकार होश में आओ छात्रों के पैसे से RSS का कार्यक्रम नहीं चलेगा जैसे नारे लगा रहे थे . मशाल जुलूस में दमन विरोधी मोर्चा के ज्योतिराज सुधाकर अनुपम  रतन सेन बादल दुर्गेश सूर्यप्रकाश शैलेश सुधांशु सुमित priya , शिवानी , आकांशा अवस्थी सहित  भारी संख्या में छात्र शामिल रहे थे .

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