(Pi Bureau)
पिछले एक दशक में राजनीति को अगर सबसे ज्यादा किसी ने प्रभावित किया है, तो वह सोशल मीडिया है। गांव-गांव घूमने वाले नेताजी अब घर बैठे अपनी ब्रांडिंग कर रहे हैं। हर छोटी-बड़ी बातें सीधे जनता से शेयर कर रहे। सोशल मीडिया सिर्फ लाइक-कमेंट और शेयर तक ही सीमित नहीं, ये वोट भी बरसा रहा है। इस वोट और ब्रांडिंग की कीमत सोशल मीडिया एक्सपर्ट और मैनेजर वसूल रहे हैं। लाखों का वारा न्यारा हो रहा।
फेसबुक सिर्फ दोस्त ही नहीं बनाता, वोट भी दिलाता है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बात को सबसे पहले नोटिस किया। पहले 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत ने इस पर मुहर भी लगा दी। दूसरी पार्टियां तब भी सोशल मीडिया पर थीं मगर भाजपा की तरह नियोजित नहीं।
देर से ही सही, बाकी पार्टियां और उनके नेता भी सोशल मीडिया पर आए और फिर इसी के होकर रह गए। आज शायद ही कोई ऐसा राजनीतिक दल या नेता हो जो सोशल मीडिया से न जुड़ा हो। नरेंद्र मोदी से लेकर सुशील मोदी तक और नीतीश कुमार से लालू प्रसाद तक हर नेता फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल जनता, खासकर युवा वोटरों को खुद से जोडऩे के लिए कर रहा है।
20 से 50 हजार रुपये का पैकेज
सुबह से देर रात तक व्यस्त रहने वाले दिग्गज नेताओं के लिए यह मुमकिन नहीं कि वे दिनभर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहें। ऐसे में ज्यादातर नेताओं का फेसबुक-ट्विटर अकाउंट सोशल मीडिया मैनेजर हैंडल करते हैं। इसके लिए मासिक 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक चार्ज किया जाता है।
सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करना है, ये नेताजी तय करते हैं। उसके कंटेंट से लेकर डिजाइन तक की जिम्मेदारी सोशल मीडिया मैनेजर उठाते हैं। अमूमन फेसबुक पोस्ट पूरी तरह से सोशल मीडिया मैनेजर के पास ही होता है। नेताजी कभी-कभी ट्विटर का इस्तेमाल खुद जरूर करते हैं।
भाषण से लेकर रिसर्च तक का जिम्मा
बड़े और दिग्गज नेताओं की सोशल मीडिया टीम होती है। इसमें दो से लेकर पांच लोग काम करते हैं। इनका काम फेसबुक-ट्विटर-इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर सामग्री अपलोड करने के साथ नेताजी के लिए रिसर्च करना भी होता है।
नेताजी के बारे में किसने क्या कहा, वे कहां जा रहे हैं, वहां की समस्याएं क्या हैं, वहां की बोली-भाषा से कैसे जनता को कनेक्ट किया जा सकता है, ये सब रिसर्च सोशल मीडिया टीम करती है। कई बार नेताओं के भाषण के लिए जरूरी इनपुट भी मुहैया कराया जाता है।
चुनाव के समय तीन लाख का पैकेज
चुनाव के समय सोशल मीडिया पर नेताजी की सक्रियता बढ़ जाती है। कई नेता जो आम दिनों में खुद सोशल मीडिया हैंडल करते हैं, वे भी चुनाव के समय सोशल मीडिया एक्सपर्ट पर विश्वास करते हैं। इसके लिए स्पेशल पैकेज डिजाइन किया जाता है।
यह पैकेज सिर्फ चुनाव के समय यानी दो से तीन महीने तक होता है। इसके लिए डेढ़ से तीन लाख रुपये तक चार्ज किए जाते हैं। इसमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के साथ वाट्सएप पर भी नेताजी का प्रमोशन किया जाता है। नेताजी की रैली के वीडियो और अखबारों में छपी कतरनें सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाती हैं।
2-5 रुपये में बिकता है मोबाइल नंबर
वॉट्सऐप के जरिए भी नेताजी की खूब सोशल ब्रांडिंग हो रही। वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर तो लोगों को जोड़ा जा ही रहा, कई बार पहले से बने वॉट्सऐप ग्रुप में भी ये सोशल मीडिया मैनेजर जुड़कर नेताजी से जुड़ीं खबरें शेयर कर या करवा रहे। बड़ी संख्या में मोबाइल नंबर खरीदे भी जाते हैं। इसमें स्थानीय लोग बड़ी मदद करते हैं।
शॉपिंग मॉल, रेस्तरां, मोबाइल रिचार्ज शॉप आदि से मोबाइल नंबर गुपचुप तरीके से खरीदे जाते हैं। इसके लिए दो से पांच रुपये प्रति मोबाइल नंबर तक दिया जाता है। इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल बल्क एसएमएस भेजने के लिए भी किया जाता है।
फेसबुक पर रविशंकर तो ट्विटर पर नीतीश सबसे आगे
सोशल मीडिया पर बिहारी नेताओं की लोकप्रियता खूब है। बिहारी नेताओं में फेसबुक पर सबसे अधिक लाइक्स केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद के पास हैं। इनके पेज को 21 लाख से अधिक लोगों ने पसंद किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 लाख से अधिक लाइक्स के साथ दूसरे नंबर और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी 13 लाख से अधिक लाइक्स के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
ट्विटर पर मुख्यमंत्री सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। यहां उनके 48 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद 46.9 लाख फॉलोअर्स के साथ दूसरे और रविशंकर प्रसाद 31.6 लाख फॉलोअर्स के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
सोशल मीडिया पर बिहारी नेताओं की लोकप्रियता
नाम फेसबुक लाइक्स ट्विटर फॉलोअर्स
नीतीश कुमार 15,15,725 48 लाख
सुशील मोदी 13,01, 304 18.5 लाख
लालू प्रसाद 9,88,671 46.9 लाख
रामविलास पासवान 94,377 2.28 लाख
रविशंकर प्रसाद 21,33,093 31.6 लाख
तेजस्वी यादव 12,34,901 16 लाख
चिराग पासवान 1,42,268 54.1 हजार
उपेंद्र कुशवाहा 61,875 16.3 हजार
पप्पू यादव 3,29,528 24 हजार
राबड़ी देवी 74, 638 7.9 हजार