योगी के अवैध खनन के खिलाफ आदेश सोनभद्र में दम तोड़ देते हैं ,बालू की खदानों में चलती पोकलेन मशीन.?

(Pi Bureau)

 

ई-टेंडरिंग के नियमानुसार खदानों में पोकलेन मशीन का प्रयोग नहीं कर सकते, गलत पाए जाने पर टेंडर निरस्त किया जा सकता है उसके बाद भी खदान में पोकलेन मशीन कैसे चल रहा है.?

 

जिला अधिकारी, खनन विभाग, पुलिस प्रशासन व शासन एकदम मौन क्यो.? मिलीभगत से हो रही है लाखो की लूट

 

शासन प्रशासन द्वारा अवैध खनन व अवैध रूप से पोकलेन न चलने देने के सभी दावों की पोल खोल दी बालू की तथाकथित संचालित खदाने..

खदानों में खुलेआम बड़े पैमाने पर चल रहे पोकलेन मशीन डीएम, खनन  विभाग व शासन के लोगों को नहीं दिख रहा है.? बालू की खदानों में खुलेआम नाव के माध्यम से बालू निकालकर आधा दर्जन पोकलेन मशीन से लोडिंग की जा रही है आखिर कैसे.?? आखिर कहां गया जिला प्रशासन व खान विभाग का दावा.?

मुख्यमंत्री ने अपने कड़े आदेश में कहा था कि अवैध खनन नहीं होने देंगे साथ ही ई-टेंडरिंग में हुए बालू के खनन पट्टा में स्पष्ट रुप से लिखा है कि किसी भी सूरत में खदानों में पोकलेन मशीन का संचालन नहीं होगा, अगर कोई पाया जाता है तो उसकी खदाने निरस्त कर दी जाएगी उसके बाद भी खुलेआम बालू की खदान में पोकलेन मशीन का चलना शासन प्रशासन की कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है.!  आखिर कैसे चल रहा है खुलेआम बालू की खदानों में पोकलेन मशीन.? टेंडर के अनुसार लिखे नियम कानून के तहत नियम का उल्लंघन करने वाले उक्त खदानों की एनओसी कैंसिल की जा सकती है.! आप सभी की नजर जिला अधिकारी व शासन प्रशासन की तरफ है जिला प्रशासन खदानों में अवैध रूप से चल रहे पोकलेन मशीन पर क्या कदम उठाता है क्षेत्र से लेकर लखनऊ के गलियारे में पोकलेन मशीन से चलने की चर्चा जोरों पर है.? चर्चा है कि बालू की खदानों में चल रहे पोकलेन मशीन पर जनपद के विधायक व सांसद आखिर क्यों मौन है.?

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