क्या जगजीवन राम की दलित विरासत बनी माया के लिए मज़बूरी , दिया कांग्रेस के साथ !!! Pi Exclusive

Ashish Awasthi

 

यूपीए सहित संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मीरा कुमार के खिलाफ एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद है , पर बहन जी ने इस रोचक मुकबले में अपना समर्थन पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को दिया है | हलाकि इससे पहले उनके सुर थोड़े से भाजपा के पक्ष में थे | दो दिन पहले उन्होंने बयान दिया था कि अगर विपक्ष कोविंद से बेहतर या दलित उम्मीदवार नहीं उतरता है तो बसपा दलित उम्मीदवार के पक्ष में खड़ी होगी | राजनैतिक जानकारों की माने तो बसपा ने काफी गुणाभाग और मौजूदा दलित परिद्रश्य को देखते हुये आज मीरा कुमार के पक्ष में खड़े होने का ऐलान किया | आज दिल्ली में बसपा के कद्दावर नेता सतीश मिश्रा ने मीडिया के लोगो से मुखातिब होते हुये कहा कि बसपा सुप्रीमो ने मीरा कुमार के नाम पर अपनी सहमती जताते हुये  अपना समर्थन देने का ऐलान किया है |

बताते चल इससे पहले मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी किसी दलित प्रत्यासी के विरोध में नहीं जा सकती | हलाकि उस वक़्त तक उन्होंने रामनाथ कोविंद को खुलकर समर्थन देने की भी बात नहीं कही थी | मायावती ने कहा था कि अगर विपक्ष किसी दलित उम्मीदवार को आगे नहीं लाता तो उनका रमानाथ के प्रति सकारात्मक रवैया रहेगा | पर संयुक्त विपक्ष के मीरा कुमार के नाम की घोषणा के साथ ही उन्होंने मीरा कुमार के पक्ष में अपना समर्थन व्यक्त किया |

उधर राजनैतिक गलियारों के जानकारों का मानना है कि काफी सोच समझ कर और अपने नफे नुकसान को तौल कर मायावती ने यह फैंसला लिया है | बसपा के अंदर एक बड़ा तबका बाबू जगजीवन राम को बड़े आदर और सम्मान के साथ देखता आया है | बाबू जगजीवन राम पंडित नेहरु के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे | यह बाबू जगजीवनराम की ही दें है जो हंसिये पर पड़ा दलित समाज पहली दफे सरकारी नौकरियों में दाखिल हुआ था | कांग्रेस में उनका कद काफी ऊँचा था | मीरा कुमार इन्ही बाबू जगजीवन राम की बेटी है | मीरा कुमार इससे पहले एक डिप्लोमेट के तौर पर अपनी सेवाएं देश को दे चुकी है | मीरा कुमार लोक सभा स्पीकर के साथ साथ 2004 -2009 में सामाजिक न्याय मंत्रालय का भी पद संभल चुकी है|

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