पूर्ण बजट की तैयारियां हुई शुरू, 10 जून से वित्त मंत्रालय में बाहरी लोगों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध

(Pi Bureau)
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट की तैयारियों को शुरू कर दिया है। आगामी 10 जून से वित्त मंत्रालय में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा। इसके साथ ही यहां पर वो सारे नियम लागू होंगे, जो आमतौर पर हलवा सेरेमनी के होने के बाद लागू हो जाते हैं। 

इनके प्रवेश पर लगेगी रोक

वित्त मंत्रालय में 10 जून से मीडिया और अन्य बाहरी मेहमानों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इसके साथ ही पूरे नॉर्थ ब्लॉक में कर्मचारी निजी ई-मेल का प्रयोग कार्यालय के सिस्टम पर नहीं कर पाएंगे। वहीं प्रवेश और निकास द्वार पर सीआईएसएफ के अलावा दिल्ली पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात रहेंगे।

यह लोग उन लोगों पर नजर रखेंगे, जो बजट बनाने वाले अधिकारियों से मिलने जाएंगे। नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के दफ्तर में बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। केवल उन्हीं लोगों को मंत्रालय में प्रवेश मिलेगा, जिनको मंत्रालय में कोई जरूरी कार्य है। 

चार जून को आएगा आर्थिक सर्वे

इस बार 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से लेकर के 26 जुलाई तक चलेगा। पांच जुलाई को बजट पेश होने से पहले चार जुलाई को आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पहला बजट पेश करेंगी। हालांकि पहला बजट पेश करने से पहले ही कई सारी आर्थिक चुनौतियां भी आ गई हैं, जिनका निराकरण करने के लिए उन्हें कई सारी घोषणाएं करनी होंगी। 

10 दिन पहले होती है हलवा सेरेमनी

बजट पेश होने के 10 दिन पहले वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में पूरे बजट की छपाई होती है। छपाई शुरू होने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी होती है। इसमें वित्त मंत्री सबसे पहले हलवा ग्रहण करेंगी। 

क्यों होती है हलवा सेरेमनी

बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। इससे जुड़ी जाटिल प्रक्रिया को हल्का-फुल्का करने के लिए हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते है। इन 100 अधिकारियों व कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है।  वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है। 

सुरक्षा होती है चाक-चौबंद

इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है। किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है। इस दौरान छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की भी मनाही होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है। 

इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है। केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है। 

तैनात रहती है डॉक्टरों की टीम

वित्त मंत्रालय में 10 दिन के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात रहती है। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बीमार कर्मचारी को भी 10 दिनों के लिए अस्पताल में इलाज कराने की मनाही होती है। 

कट जाता है इंटरनेट कनेक्शन

जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है। इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है। इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है। वित्त मंत्रालय के जिस हिस्से में प्रिंटिंग प्रेस स्थित है, वहां पर केवल चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को जाने की इजाजत होती है। 

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