पंचम दा:तुमको न भूल पाएँगे (79 वे वर्षगाँठ पर Pi की खास पेशकश)

जून 27,1939 को कोलकाता में जन्मे आर.डी.बर्मन,हिंदी सिने के बड़े संगीतकार एस. डी. बर्मन और उनकी गीतकार पत्नी मीरा देव बर्मन के बेटे थें ।उनकी नानी ने उनका उपनाम तुब्लू रखा था, लेकिन फिर बाद में वे अपने उपनाम “पंचम”के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध हुए। सिर्फ 9 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला संगीत दिया, जिसका नाम था ‘ऐ मेरी टोपी पलट के आ ‘, इस गीत का उपयोग उनके पिता ने फिल्म “फंटूश” (1956) में किया था। गुरुदत्त की फिल्म ”प्यासा ” (1957) का गीत ‘सर जो तेरा चकराए की रचना सर जो तेरा चकराये’ की रचना भी आर.डी. बर्मन ने बचपन में ही की थी, उनके पिता ने इसका उपयोग किया था।

हालाकिं आगे चलकर उनकी संगीत शैली उनके पिता से बिलकुल अलग हो गयी क्योंकि वो अपने संगीत में हिंदुस्तानी शैली के साथ साथ पाश्चातय  शैली का भी मिश्रण करते थे,जो उनके पिता को नागवार गुज़रती थी ।

बर्मन ने मुख्यतः आशा भोसले (उनकी पत्नी) और किशोर कुमार के साथ काम किया है, हालांकि उन्होंने लता मंगेशकर द्वारा गाये हुए बहुत से गीतों की रचना भी की है। बतौर संगीतकार उनकी पहली फिल्म “छोटे नवाब”(1961) थी , जबकि उनकी पहचान 1966 में आई फिल्म “तीसरी कसम “ से बनी । 70 के दशक तक आते -आते वे एक बड़े संगीतकार के रूप मे स्थापित हो चुके थे ।

उनकी कुछ यादगार फ़िल्में थी:-

कटी पतंग

हीरा पन्ना

यादों की बारात

अनामिका

1942-A Love Story

1942-A Love Story:- बतौर  संगीतकार उनकी आखिरी फिल्म थी।

 

वर्ष 1994 में पंचम दा का देहांत महज़ की आयु में हो गया । तक़रीबन 350 से ज़यादा फिल्म में संगीत देने वाले पंचम दा आज भी अपने गीतों के ज़रिये हमारे बीच में हैं।

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