जीएसटी : पांच करोड़ से अधिक कर चोरी पर गैरजमानती वारंट/ 2 करोड़ पर तत्काल गिरफ्तारी !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के बाद पांच करोड़ रुपये से अधिक कर चोरी को गैर जमानती एवं संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। जानबूझकर फर्जी कार्य करने जिसमें कर चोरी की धनराशि दो करोड़ रुपये से अधिक है, उसमें तत्काल गिरफ्तारी होगी। हालांकि इस तरह के लोगों की संख्या देश में केवल एक प्रतिशत है और 99 प्रतिशत व्यापारी इसकी परिधि में नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपये से कम टर्न ओवर वाले व्यापारी बगैर पंजीयन के अन्य राज्यों से माल मंगवा सकते हैं। व्यापारियों का बीमा पहले की तरह जारी रहेगा, व्यापारियों का उत्पीड़न व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे इसलिए आनलाइन कारोबार की आवश्यकता है।उप मुख्यमंत्री बुधवार को सचिवालय में व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों के साथ जीएसटी लागू करने के संबंध में विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक कर की अवधारणा जीएसटी लागू होने से पूरी हो सकेगी। पूरे देश की एक ही कर पण्राली को लागू करने का एक उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना भी है। सभी कार्य आनलाइन होगा। डा. शर्मा ने व्यापारी प्रतिनिधियों को आास्त करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश में कोई भी अधिकारी उनका उत्पीड़न नहीं करेगा। व्यापारियों के समक्ष किए गये प्रस्तुतीकरण के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया गया कि जीएसटी लागू होने से उत्पादन लागत में कमी आने के कारण कपड़े के दामों में वृद्धि की आशंका निमरूल है। इसी तरह बिल्डर्स, लोहा व इस्पात, सीमेन्ट मोटर एवं दुपहिया वाहन, दवाएं, कोयला, बिस्कुट, रेडीमेड वस्त्रों आदि के मूल्यों में कमी आयेगी।बैठक में प्रतिनिधियों द्वारा जीएसटी को सरल पारदर्शी व व्यवाहारिक बनाये जाने, व्यापािरयों को सजा दिये जाने को समाप्त करने, सभी व्यापारियों पर ई-वे-बिल लागू न करने तथा मैनुअल व्यवस्था चालू रखने, महीने में तीन रिटर्न दाखिल करने के स्थान पर त्रैमासिक रिटर्न की व्यवस्था जीएसटी जमा न करने पर विक्रेता को जिम्मेदार मानना तथा मण्डी शुल्क को जीएसटी में शामिल करने की मांग रखी गयी। व्यापारी प्रतिनिधि मण्डल में रविकान्त गर्ग, श्याम बिहारी मिश्र, बनवारी लाल कंछल, संदीप बंसल, हुलासराय सिंघल, श्याम बिहारी गुप्ता, संजय गुप्ता, मुकुल मिश्रा, अरूण कुमार अवस्थी, संत सिंह बग्गा आदि शामिल थे। बैठक में अपर मुख्य सचिव संस्थागत वित्त राजेन्द्र कुमार तिवारी, निदेशक सूचना अनुज कुमार झा के अलावा अपर आयुक्त जीएसटी भी शामिल थे।

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