(Pi Bureau)
लखनऊ/ रविवार सुबह आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी सोशल एक्टीविस्ट नूतन ठाकुर गिरफ्तारी देने एसएसपी आवास पहुंचे। काफी देर तक वह एसएसपी आॅफिस में बैठे रहे जबकि एसएसपी मंजिल सैनी वहां नहीं पहुंची इसके बाद अमिताभ नाराज हो गए। देर से पहुंची एसएसपी ने सोशल एक्टीविस्ट दम्पति को एक माह में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया, तब कहीं जा कर दम्पति का गुस्सा शान्त हुआ ।
जानिये! क्या था मामला
13 जुलाई 2015 को गोमतीनगर थाने में केस दर्ज हुआ था। गाजियाबाद की एक युवती ने अमिताभ पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। अमिताभ ठाकुर ने जुलाई 2015 में मुलायम के खिलाफ धमकी देने और बदतमीजी करने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने कथित तौर पर एक आॅडियो टेप भी दिया था । इसके 24 घंटे के अंदर ही अमिताभ पर एक दलित महिला द्वारा बलात्कार के आरोप में गोमतीनगर में एफआईआर दर्ज की गई थी। अमिताभ ठाकुर ने इसे मुलायम का ‘रिटर्न गिफ्ट’ बताया था । राज्य खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर उन्हें बलात्कार के एक झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की है। अमिताभ ने यह भी कहा था कि उनकी पत्नी ने प्रजापति के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त से शिकायत की थी, जिसके बाद ही उन्हें यादव ने फोन कर धमकाया था ।
रविवार को एसएसपी आवास के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नूतन ठाकुर ने कहा कि राजधानी की पुलिस भी जानती है कि उन पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया है परंतु राजनैतिक कारणों से मुकदमा पंजीकृत करने के बाद भी पुलिस की हिम्मत नहीं पड़ रही है कि वे हम पति पत्नी को गिरफ्तार करने का साहस जुटा सके । नूतन ने मंजिल सैनी द्वारा दिये गये आश्वासन की बात करते हुए कहा कि यदि हम पति पत्नी दोषी है तो हमे गिरफ्तार करे और अगर लखनऊ पुलिस को लगता है कि हम निर्दोष है तो तुरंत मामले को समाप्त किया जाये ।
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और सोशल एक्टीविस्ट नूतन ठाकुर के एसएसपी आवास पहुंचते ही बड़ी संख्या में पुलिसबल ने आवास को छावनी बना दिया था ।