(Pi Bureau)
इस बार आम लोगों को मानसून के बाद कमरतोड़ महंगाई का सामना करने के लिए अभी से तैयार हो जाना चाहिए। मानसून के चलते जहां पहले से ही सब्जियों के भाव आसमान की ओर हैं, वहीं अब गरीबों की थाली से दालें और अनाज भी दूर हो सकती हैं। इससे आशंका है कि महंगाई दर सात फीसदी के आंकड़े को पार कर जाएगी। केयर रेटिंग ने अपनी एक रिपोर्ट इस तरह का दावा किया है।
कमजोर मानसून से पैदावार हुई कम
देश भर में इस बार मानसून कमजोर रहा है। देश के 36 में से 21 मौसम उपकेंद्रों में इस बार काफी कम बारिश हुई है। यह पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है। केवल महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, यूपी के कुछ हिस्सों, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत में ही सामान्य बरिश हुई है। ऐसे में खरीफ फसलों की पैदावार कम होने की संभावना है।
इन खाद्यान की पैदावार पर असर
जिन फसलों की पैदावार कम होने की उम्मीद है उनमें अनाज, चावल, बाजरा, मक्का, ज्वार, तुअर, उड़द, मूंगफली और सोयाबिन शामिल हैं। चावल की पैदावार इस बार पिछले साल के मुकाबले 14 फीसदी कम होगी। फिलहाल उम्मीद है इस बार खाद्य उत्पादन 57 फीसदी तक कम हो सकता है। वहीं गन्ना और कपास की खेती में रिकॉर्ड उत्पादन होगा।
सब्जियों की पैदावार को हो रहा नुकसान
सब्जी मंडी में थोक कारोबारियों का कहना है कि अभी दो महीने सब्जियों के दामों में इजाफा होगा। अन्य दिनों के मुकाबले इन दिनों बारिश के सीजन में आवक 60 फीसदी तक कम हो जाती है। कम स्टॉक होने और मांग अधिक होने से सब्जियों के रेट बढ़ जाते हैं। इसके अलावा बारिश के सीजन में कई जगह सब्जियों की पैदावार को भी नुकसान होता है।
सब्जी पहले अब
टमाटर 35 से 40 55 से 60
शिमला मिर्च 40 55 से 60
नेनुआ (तोरी) 30 से 35 35 से 40
परवल 30 से 40 55 से 60
भिंडी 20 से 25 35 से 40
लौकी 25 से 30 35 से 40
प्याज 25 से 30 35 से 40
आलू 16 से 18 20 से 22
धनिया 250 से 260 280 से 300
लहसुन 60 से 80 160-200
सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर पर छाई
धनिया और टमाटर के दाम बारिश के कारण आसमान पर हैं। कुछ ही दिनों में टमाटर की आपूर्ति कम होने के कारण टमाटर के भाव थोक में 50 फीसदी और फुटकर में दोगुने हो गए हैं। देश के कई हिस्सों में हो रही झमाझम बारिश के कारण सब्जियों के दाम आसमान पर हैं। सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर पर छाई है।
टमाटर के शौकीनों की थाली से जहां टमाटर गायब है, वहीं हरी सब्जियां भी आंख से आंसू निकाल रही हैं। आलम यह है कि बाजार में सब्जी की खरीदारी करने वाले लोग मोल भाव करने के बाद ही खरीदारी कर रहे हैं। जो सब्जी मंहगी लग रही है उसे नहीं खरीद रहे हैं। देखा गया है कि कीमत में 10 जुलाई से तीव्र वृद्धि हुई है।