(Pi Bureau)
लखनऊ : परंपरानुसार लखनवी आम (खासकर दशहरी आम) की शोहरत दूर दूर तक है , यहां के मशहूर मलीहाबादी दशहरी आम को भौगोलिक संकेतक का विशेष कानूनी दर्जा प्राप्त हो चुका है। मलीहाबादी आम को यह विशेष दर्जा भारत सरकार के भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री कार्यालय, चेन्नई ने एक विशेष क़ानून के अंतर्गत्त दिया गया है। एक अलग स्वाद और सुगंध के कारण दशहरी आम की संसार भर में विशेष पहचान बनी हुई है।
आम से पर्यटक को जोड़ने की कवायद के तहत पर्यटन भवन में 7 जुलाई से तीन दिवसीय मैंगो फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। यह बात पर्यटन विभाग व सूचना विभाग के प्रमुख सचिव कुमार अवनीश अवस्थी ने सोमवार को पर्यटन भवन में अयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। पर्यटन विभाग के विशेष सचिव व पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अखण्ड प्रताप सिंह ने कहा कि फेस्टिवल में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसमें आम के शाकाहारी व मांसाहारी व्यंजन भी बनाया जाएगा। पर्यटन विभाग व सूचना विभाग के प्रमुख सचिव श्री अवस्थी ने कहा कि बदलते समय मे पर्यटकों का रूझान बदला है। बच्चे, युवा व वृद्ध लोग पर्यटक स्थलों पर वहां की संस्कृति के अनुसार रहने व खाने-पीने में विशेष रूचि दिखा रहे हैं। आम के साथ पर्यटन को जोड़ने की पहल के तहत होने वाले मैंगो फूड फेस्टिवल में मैंगो ईटिंग, आम पर आधारित बच्चों की फैन्सी ड्रेस, मैंगो पर शायरी व किस्सा गोई सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। आम के विभिन्न तरह के व्यंजन बनाये जाएंगे जिसमें आम मलाई टिक्का, आम बर्रा, आम की कलेजी, आम मुर्ग कोरमा, आम मुर्ग बिरयानी, मुर्ग आम डोरा कबाब, आम का हलवा, आम की चाट, आम का पना, नाचोज, आम साल्फा, वेजीटेबुल आम बिरयानी व आम कढ़ाई पनीर शामिल हैं। लोग फेस्टिवल में आम से बने शाकाहारी व मांसाहारी व्यंजनों का स्वाद चख सकेंगे। मास्टर शेफ पंकज भदौरिया आम से बने व्यंजन प्रतियोगिता के जज बनाये गये हैं।पर्यटन विभाग के विशेष सचिव व पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री सिंह ने कहा कि प्रतियोगिता में कई स्कूलों के बच्चे भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए निगम में मंगलवार तक नि:शुल्क आवेदन किया जा सकता है। पर्यटन विभाग की मंत्री डा. रीता बहुगुणा जोशी शाम छह बजे फेस्टिवल का उद्घाटन करेंगी। पर्यटन भवन में आयोजित फेस्टिवल प्रतिदिन अपराह्न चार से रात्रि दस बजे तक आयोजित होगा। आम की शोहरत को वो मुकाम हांसिल है के ग़ालिब , दाग , जोश सहित दीगर उर्दू शायर इससे छूटे नहीं है , ग़ालिब ने एक बार अपने एक दोस्त को जो आम से नफरत करते थे कहा था कि “ हाँ ! सही कहा , गधे आम नहीं खाते है !!!