(Pi Bureau)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बैंकों से निवेदन किया है कि वे कम महंगाई या सस्ते कर्ज का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएं. पीएम मोदी ने आश्वस्त किया है कि ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर की मंदी जल्द ही खत्म होगी.
पीएम मोदी ने कहा, ‘बैंकर्स यदि दिन-प्रति-दिन के आधार पर निर्णय नहीं लेते हैं, तो तरक्की संभव नहीं है. मैं बैंकिंग समुदाय को फिर यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यदि वे अच्छी नीयत और मजबूत कारोबारी तर्क के साथ कोई निर्णय लेते हैं तो उन्हें कोई परेशान नहीं करेगा. मैं सभी बैंकर्स से यह निवेदन करता हूं कि वे कम महंगाई का फायदा अपने ग्राहकों (कर्जधारकों) तक पहुंचाएं. इसी तरह उन्हें व्यवस्था में मौजूद पर्याप्त नकदी का भी फायदा उठाना चाहिए.’
अर्थव्यवस्था में सुस्ती पर पीएम मोदी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर समय-समय पर कदम उठाए जाएंगे. बजट में जो बैंकों को 70,000 करोड़ देने की बात कही गई है उससे अर्थव्यवस्था में कर्ज देने की मात्रा बढ़ेगी. इसके अलावा लगातार रणनीतिक विनिवेश से सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि आगे चलकर अर्थव्यवस्था में सुधार से रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर में भी सुधार हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम हाउसिंग सेक्टर को उबारने पर जोर दे रहे हैं, यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि डेवलपर्स तरक्की कर सकें और होम बॉयर्स के हितों की भी रक्षा हो सके. ऑटो सेक्टर की बात करें तो वित्त मंत्री ने इस सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक बातचीत की है. इस सेक्टर सुस्ती असल में कर्ज में तंगी, कुछ नियामक बदलाव और मांग में कमी की वजह से है. मेरा मानना है कि जल्दी हालात बदलेंगे और यह सेक्टर फिर से तेजी हासिल करेगा. मैं सभी को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत में इंटरर्नल कम्बस्चन इंजन (आईसीई-डीजल या पेट्रोल) आधारित ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों के ग्रोथ के लिए पर्याप्त गुंजाइश है. हमारे यहां दोनों तरह के वाहन साथ-साथ अस्तित्व में रह सकते हैं. ‘
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में भारत ने सबसे ऊंचा औसत ग्रोथ हासिल किया है और वह भी सबसे कम औसत महंगाई रखते हुए. आज भारत से उम्मीद सिर्फ देश के भीतर से ही नहीं है बल्कि दुनिया की तरक्की और विकास काफी हद तक भारत पर निर्भर है. हमने महंगाई पर काबू पाया है, ब्याज दरें गिरी हैं, जीएसटी और आईबीसी से ऐसा माना जा रहा है कि इकोनॉमी को फायदा हुआ है. इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है. अगले पांच साल में हमनें 100 लाख करोड़ के निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा है. निजी क्षेत्र निवेश लाएगा और सरकार इसमें सहयोग करेगी. सभी तरह के सुधारों के द्वारा सरकार सभी पक्षों के साथ मिलकर खुले दिमाग के साथ काम करेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि जिन कर चोरों ने एमनेस्टी स्कीम का फायदा नहीं उठाया, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है, लेकिन हमने राजस्व सचिव को यह निर्देश दिया है कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए और छोटे-मोटे उल्लंघन करने वालों को बड़ी सजा या सख्त कार्रवाई का सामना न करना पड़े.
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि कंपनियां बेहतर उत्पादकता और बेहतर मुनाफा हासिल करें. हम चाहते हैं कि हमारा उद्योग बढ़े. हम चाहते हैं कि हमारे निवेशक ज्यादा कमाएं, ज्यादा निवेश करें और नौकरियां पैदा करें. पहले भेदभावपरक कर्ज वितरण की वजह से एनपीए बढ़ा है, लेकिन हमारी सरकार उसे काबू में लेकर आई है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी की वजह से निजी सेक्टर का निवेश नहीं बढ़ रहा है. हालांकि, वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (ग्लोबल एफडीआई) में गिरावट के बावजूद भारत में 65 अरब डॉलर का एफडीआई स्तर बना हुआ है. साल 2014 से 2019 के बीच एफडीआई में लगातार बढ़त हुई. साल 2014-15 से 2018-19 के बीच 286 अरब डॉलर का एफडीआई मिला है, जो कि उसके पिछले पांच वर्षों के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा है.’
पीएम मोदी ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का अभियान निर्यात बढ़ाने से जुड़ा है. हम किसानों को सिर्फ उत्पादक नहीं बल्कि संभावित निर्यातक भी मानते हैं. निर्यात बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं, मेगा फूड पार्क बनाए गए हैं, कई कोल्ड चेन प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं. कम ब्याज दर पर लोन, लॉजिस्टिक में सुधार और जीएसटी के सरलीकरण से निर्यातकों को फायदा होगा.