(Pi bureau)
लखनऊ : सामूहिक दुराचार व धमकियों के मामले में निरुद्ध पूर्ववर्ती सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित सात आरोपितों के विरुद्ध आरोप तय नहीं किये जा सके। पोक्सो की विशेष अदालत में गायत्री समेत अन्य मुलजिम चन्द्रपाल , रुपेश्वर , अशोक तिवारी , विकास वर्मा , अमरेन्द्र सिंह और आशीष शुक्ल जेल से कड़ी सुरक्षा में हाज़िर थे ।विशेष जज ने सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी है ।
कोर्ट ने इसके लिए 13 जुलाई की तारीख नियत करते हुए पक्षों को निर्देश दिया कि वे अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।बचाव पक्ष के अनुरोध पर पाक्सो ऐक्ट के विशेष जज उमा शंकर शर्मा ने मामले में सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तिथि नियत की है। जेल से लाकर कड़ी सुरक्षा में गायत्री प्रजापति, अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू, विकास वर्मा, आशीष शुक्ला, रूपेश्वर उर्फ रूपेश प्रजापति, गनर चन्द्रपाल व लेखपाल अशोक तिवारी को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। बचाव पक्ष की ओर से अनुरोध किया गया कि हाईकोर्ट में पाक्सो एक्ट को खारिज किये जाने के लिए याचिका दायर की गयी है, जिस पर 11 जुलाई को सुनवाई सम्भावित है। इस पर कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तिथि नियत कर दी।
बीते 3 जून को इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 D , 354 ए , 509 , 504 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था । गायत्री , विकास , अशोक व आशीष पर इस आरोप पत्र में पोक्सो एक्ट की धारा 5 जी /6 के तहत भी आरोपी बनाया गया था । 5 जून को पोक्सो की विशेष अदालत ने आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुये आरोपियों को आरोपपत्र की प्रति देने का आदेश दिया था । 22 जून को आरोपियों को आरोप पत्र की प्रति मुहैया करायी गयी । विशेष अदालत ने इसके बाद आरोप तय करने के लिए तीन जुलाई की तारीख तय करी थी ।