(Pi Bureau)
पटना : विवादों में चल रहे बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मियों ने बुधवार को सचिवालय के बाहर पत्रकारों से बदसलूकी और मारपीट की। बुधवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक थी जिसमें तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। सचिवालय के बाहर पत्रकारों का जमावड़ा लगा हुआ था, लेकिन बैठक के बाद पत्रकारों ने जैसे ही तेजस्वी से सवाल पूछने की कोशिश की, उनकी सुरक्षा में तैनात गार्डों ने उनपर हमला कर दिया।
इसके चले सचिवालय के बाहर काफी देर तक हंगामा होता रहा। तेजस्वी के गार्डों ने पत्रकारों को दौड़ाया और उनसे हाथापाई की। बता दें कि लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों के कसते शिकंजे के बाद बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद नीतीश कुमार पर उन्हें कैबिनेट से बाहर करने का दबाव है।
उधर नीतीश ने मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों के साथ अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने साफ़ संकेत दिया कि भ्रष्टाचार के मामले में वह अपनी जीरो टॉलरंस की नीति से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन पर आरोप लग रहे हैं उन्हें तथ्यों के साथ जनता के बीच जाना चाहिए। नीतीश ने बैठक में कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं पर जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। जेडीयू बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता रमई राम ने कहा कि तेजस्वी के भविष्य पर फैसला लेने के लिए आरजेडी को 4 दिनों का वक्त दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान आरजेडी की तरफ से कोई फैसला नहीं होता है तो नीतीश कार्रवाई कर सकते हैं।
दूसरी तरफ आरजेडी पहले ही साफ कर चुकी है कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है। खुद तेजस्वी ने बुधवार को कहा कि महागठबंधन अटूट है और उसे तोड़ने की साजिशें कामयाब नहीं होंगी। केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये आरोप 2004 में तब के हैं, जब वह बच्चे थे और उनकी मूंछ तक नहीं आई थी। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार एक 28 साल के नौजवान से डर गई है। बीजेपी न केवल लालू परिवार बल्कि पूरे बिहार को बदनाम करने की साजिश रच रही है।