एलडीए LDA के बाबुओं और संपत्ति अधिकारीयों पर गिरेगी गाज / समायोजन के नाम पर हुयी लूट के जाँच के आदेश दिए प्रभु एन सिंह ने !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ , 13 जुलाई 2017 : पिछले 10 सालो में समायोजन के नाम पर हो रही लूट का अब होगा खुलासा, समायोजन घोटाले की जांच से संपत्ति अधिकारी सहित बाबुओं के उस गिरोह का खुलासा होगा जो अब तक करोडो की संपत्ति बना चुके है । फिलहाल एलडीए ने पिछले 8 सालो समायोजन योजना से जुड़े संपत्ति अधिकारी और  बाबुओं की लिखित पत्रावलियां को जांचने का आदेश दे दिया है । बता दें समायोजन योजना में अधिकारीयों और बाबुओं ने एलडीए वीसी और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर बना कर फर्जीवाडा किया गया था । इस योजना में कई भूखंडो की फर्जी रजिस्ट्री तक कर दी गयी थी ।

एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह ने जांच के लिए अपर सचिव अनिल भटनागर को जिम्मेदारी सौंपी है और 18 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है। बीते आठ सालों में समायोजन के नाम पर खेल करने वाले एलडीए के आला अफसरों और कर्मचारियों के चेहरे बेनकाब होंगे। अपर सचिव ने नजूल अधिकारी विश्व भूषण मिश्र, ओएसडी राजेश शुक्ला, राजीव कुमार, संयुक्त सचिव एनएन सिंह तथा मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डीएम कटियार से 16 जुलाई तक योजनावार डुप्लीकेट पत्रवालियों एवं वैकल्पिक आवंटन के प्रकरणों की सूची तैयार कराकर मांगी है। वीसी के आदेशानुसार एक जनवरी 2009 से अब तक योजनावार खोली गई डुप्लीकेट पत्रावलियों व मूल आवंटित सम्पत्तियों के स्थान पर अन्यत्र समायोजित की गई सम्पत्तियों की सूची तैयार करना है। जांच शुरू होने की खबर लगते ही एलडीए के प्रापर्टी अफसर और अन्य अधिकारी किसी कार्रवाई से बचाव को लेकर बीजेपी के नेताओं से सेटिंग बनाने में लग गए हैं। पिछले कुछ सालों में एलडीए की गोमती नगर विस्तार योजना में दर्जनों भूखंड प्रापर्टी डीलरों और बाबुओं की सांठगांठ से अफसरों ने दूसरी योजना से समायोजित कर दिए। समायोजन के इस खेल में एलडीए के कई अफसर जहां अरबपति बन गए हैं वहीं इस खेल में मास्टर माइंड बाबुओं ने करोड़ों की कमायी की। 2009 से जांच शुरू हुई तो उस समय से तैनात रहे उपाध्यक्ष मुकेश मेश्राम, राजीव अग्रवाल, रजनीश दुबे, एमपी अग्रवाल, भुवनेश कुमार, एपी तिवारी, सत्येंद्र सिंह व अनूप यादव भी जांच के दायरे में होंगे।

 

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