(Pi Bureau)
लखनऊ 13 जुलाई। रायबरेली के अप्टा गांव में चंद दिनों पहले हुये नरसंहार की जमीनी हकीकत को जानने के लिए राष्ट्रीय लोकदल का 8 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल आज प्रातः 10 बजे लखनऊ से रायबरेली के लिए जा रहा था जिसे रास्ते में रायबरेली के बाद मुंशीगंज कस्बे में जिला प्रशासन तथा पुलिस बल ने रोका। सैकड़ों की तादात में इकटठा रालोद कार्यकर्ता तथा प्रतिनिधि मण्डल को नगर मजिस्ट्रेट व अपर पुलिस अधीक्षक ने काफी समझा बुझाकर वापस जाने को कहा किन्तु मान मनव्वल के बाद भी रालोद नेता घटना स्थल पर जाने को लेकर अडे़ रहे जिसे लेकर पुलिस प्रषासन व रालोद कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की व झड़प के बाद भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने रालोद प्रतिनिधि मण्डल जिसमें पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला, पूर्व मंत्री वंष नारायन पटेल, राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे, प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ल, चै0 भूपाल सिंह, मनोज सिंह चैहान, संदीप उपाध्याय, महेष तिवारी, सत्यप्रकाष द्विवेदी, रज्जन अवस्थी सहित मध्य जोन के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह तथा रायबरेली जिलाध्यक्ष समरजीत सिंह व रालोद कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस गिरफ्तार नेताओं को भदोखर थाने ले गयी जहां पार्टी नेता व कार्यकर्ता घटना स्थल अथवा जेल जाने पर अड़े रहे।
राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि रायबरेली के अप्टा गांव में ऐसा कुछ जरूर घटा है जिसे रायबरेली जिला प्रषासन व उ0प्र0 की सरकार जनता से छिपाना चाह रही है इसीलिए राजनैतिक दलों को वहां जाने से रोका जा रहा है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और राष्ट्रीय लोकदल जनता के लोकतंात्रिक अधिकारों के लिए लड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेष के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस घटना को लेकर जो बयान दिया है तथा पीडि़तों पर जो आरोप लगाये हैं वह या तो लगाये आरोपों के साक्ष्य प्रस्तुत करें अथवा प्रदेष मंत्रिमण्डल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें।
श्री दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल जहां भी अन्याय होता है अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा है। हमारा नेतृत्व रायबरेली की घटना को लेकर चिंतित है और हम मांग करते हैं कि इस नृषंष हत्या काण्ड को दुर्घटना बताने वाले अधिकारियों के विरूद्व अपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाय तथा मामले की सी0बी0आई0 जांच करायी जाय। रायबरेली जिला प्रषासन तथा पुलिस स्वामी प्रसाद मौर्या के दबाव में काम कर रही है जिसके कारण स्थानीय जिला प्रषासन से न्याय सम्भव नहीं है। हम मारे गये लोगों के परिजनों को 50-50 लाख रूपया मुआवजा दिये जाने की मांग करते हैं।
प्रतिनिधि मण्डल के रोके जाने पर पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने कहा कि उ0प्र0 में कानून व्यवस्था ध्वस्त है जनता के अधिकारों का हनन हो रहा है। जिले में तैनात अधिकारी घटनाओं को छुपाने में लगे है और इस बड़ी वीभत्स घटना को सामान्य घटना के तौर पर निपटाने पर अमादा हैं। श्री शुक्ल ने कहा कि प्रतिनिधि मण्डल अन्य माध्यमों से घटना से जुड़ी वास्तविक जानकारी इकटठा कर पार्टी नेतृत्व को सौंपेगा। राष्ट्रीय लोकदल इस घटना के प्रति लापरवाह रहे अधिकारियों के विरूद्व कड़ी कार्यवाही कराने को लेकर संघर्ष करेंगा जिससे भविष्य में लोक सेवकों का आचरण जनता के प्रति जवाबदेह रहे।