(Pi Bureau)
देश में प्याज की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। लोग 80-90 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदने को मजबूर हैं। इसी बीच केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने प्याज की निर्यात नीति में अगले आदेश तक संशोधन कर दिया है। जिसके कारण प्याज के सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
प्याज के दाम को काबू में रखने के मकसद से केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने 24 सितंबर को कहा था कि सरकार प्याज की कीमतों में कमी लाने की पूरी कोशिश कर रही है। फिलहाल इसका 50 हजार टन का बफर स्टॉक मौजूद है, जिससे मंडियों में आवक को बढ़ाया जा रहा है। देश के कई शहरों में प्याज का फुटकर भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है।
वहीं 25 सितंबर को जारी किए उपभोक्ता मामले मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में खुदरा प्याज की कीमत 60 रुपये किलो है। मुंबई में यह 58 रुपये किलो और चेन्नई में 42 रुपये किलो बेचा जा रहा है। कानपुर में, प्याज की कीमत 70 रुपये किलो और पोर्ट ब्लेयर में 80 रुपये किलो है।
हालांकि, व्यापारिक आंकड़ों के हिसाब से प्याज की गुणवत्ता और उसके उत्पादन के स्थान के आधार पर, देश के अधिकांश हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में चल रही हैं। महाराष्ट्र जैसे बाढ़ प्रभावित उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बाधित होने से पिछले एक महीने से प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।