जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने बताया कि नई प्रणाली में छोटे कारोबारियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस समय कुल रिटर्न दाखिल करने वालों में 22.73 फीसदी या करीब 28 लाख कारोबारियों की तरफ से एक पैसे का भी कर जमा नहीं होता है।
हालांकि उन्होंने जीएसटी नंबर लिया हुआ है और इसके तहत रिटर्न दाखिल करने की बाध्यता के चलते उन्हें रिटर्न दाखिल करना पड़ता है। इनके लिए नई प्रणाली में एक विशेष श्रेणी बना दी गई है। ऐसे करदाता अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से सिर्फ एसएमएस भेज कर अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
जैसे ही वह निल रिटर्न टाइप पर एसएमएस भेजेंगे, उनके पंजीकृत नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। इस ओटीपी को वापस भेजने पर उनका रिटर्न दाखिल किया हुआ माना जाएगा।ओटीपी की बाध्यता के सवाल पर उन्होंने कहा, कई बार असेसी कहते हैं कि गलती से भी एसएमएस चला गया है, उन्होंने एसएमएस नहीं भेजा है। ऐसे मामलों में ही वेरिफिकेशन का आसान जरिया ओटीपी है।
इसे ही सहज नाम दिया गया है। इसमें कारोबारी को कर तो हर महीने भरना होगा, लेकिन रिटर्न तीन महीने में भरना होगा। इसी तरह साल में पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले वैसे कारोबारी जो सिर्फ थोक माल बेचते हैं या बी2बी कारोबार करते हैं, के लिए जीएसटी आरईटी-3 या सुगम फार्म बनाया गया है। यह फार्म भी तिमाही आधार पर ही भरा जाएगा लेकिन कर का भुगतान मासिक होगा।