PMC फ्रॉड केसः HDIL के दोनों मालिकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार !!

(Pi Bureau)

पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक और रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के मालिक सारंग वधावन और राकेश वधावन को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। इस केस में पुलिस ने यह पहली बड़ी कार्रवाई की है।

इससे पहले 26 सितंबर को मुंबई पुलिस ने दो शिकायतें मिलने के बाद कंपनी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सारंग वधावन को पेश होने के लिए कहा था। अगस्त महीने में मैक स्टार मार्केटिंग के निदेशक ने एचडीआईएल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। मैक स्टार की प्रवर्तक कंपनी ओशिएन डेटी की एचडीआईएल के साथ 78 फीसदी की हिस्सेदारी है।

एक लोन चुकाने के लिए लिया था लोन
एचडीआईएल ने बैंक ऑफ इंडिया का 100 करोड़ का लोन चुकाने के लिए पीएमसी बैंक से लोन लिया था। पुलिस इस मामले में एक अन्य बैंक –यस बैंक से भी पूछताछ करने जा रही है। केवल एक बैंक खाते की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने 35 साल पुराने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। केंद्रीय बैंक के इस अप्रत्याशित कदम से बैंकिंग सेक्टर के साथ ही ग्राहकों में भी खलबली मची हुई है। कई लोगों को लग रहा है कि आरबीआई के नियमों की अनदेखी करने से पीएमसी बैंक पर यह नकेल कसनी पड़ी, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी बैंकों के ग्राहकों को उठानी पड़ेगी।

बैंक ने खोले थे डमी खाते
सूत्रों ने बताया कि, पिछले 10 सालों से हाउसिंग कंपनी एचडीआईएल को पैसे दिलाने के लिए बैंक ने कईं डमी खाते खोले थे। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने गलत तरीके से एचडीआईएल की मदद की थी। बैंक ने कुल कर्ज का 73 फीसदी यानी 6,226 करोड़ रुपये एचडीआईएल को दिए थे। बता दें कि रियल एस्टेट सेक्टर की प्रमुख कंपनी एचडीआईएल अब दिवालिया हो गई है।

आरबीआई ने लगाई है पीएमसी बैंक पर रोक
पीएमसी बैंक में एचडीआईएल का खाता है। इस कंपनी ने बैंक से करीब 2500 करोड़ रुपये का लोन ले रखा था, जिसे चुकाया नहीं गया। बार-बार किश्त डिफॉल्ट होने के बाद भी बैंक ने इस खाते को न तो एनपीए में रखा और आरबीआई को भी इसके बारे में जानकारी नहीं दी थी। आरबीआई के नियमों के अनुसार ऐसे खातों को एनपीए में रखना जरूरी है। फिलहाल बैंक के पास केवल एक हजार करोड़ रुपये का रिजर्व है।

इन धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की तफ्तीश के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। पुलिस ने कंपनी और बैंक के 14 अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं 409, 420, 465, 466, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

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