(Pi Bureau)
पंजाब महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में फर्जीवाड़े की जांच के लिए के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) जॉय थॉमस को भी मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को मुंबई के छह ठिकानों पर छोपे मारे और धनशोधन रोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया। ईडी अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की है।
ईडी और मुंबई पुलिस ने बैंक के पूर्व प्रबंधन और एचडीआईएल प्रमोटर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ईडी ने छह ठिकानों पर छापे मारकर साक्ष्य जुटाए हैं। आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने पिछले हफ्ते बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था।
प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने कहा, बैंक को 2008 से अब तक करीब 4355.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पुलिस ने एफआईआर में पूर्व चेयरमैन वारयम सिंह, प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और अन्य वरिष्ठ अधिकरियों समेत एडीआईएल के प्रबंध निदेशक राकेश वधावन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इसमें कहा गया कि एडीआईएल के प्रमोटर्स ने कथित तौर पर बैंक प्रबंधन के साथ साठगांठ कर बैंक की भांडुप शाखा से कर्ज लिया। इसके बाद बैंक अधिकारियों ने कर्ज अदायगी के अलावा इस कर्ज को एनपीए के रूप में भी दर्ज नहीं किया और जानबूझकर इसकी जानकारी आरबीआई से भी छिपाई। इसके अलावा उन कंपनियों के फर्जी खाते भी बनाये गए जिन्होंने छोटी रकम उधार ली। नियामक निगरानी से बचने के लिए बैंक की फर्जी रिपोर्ट भी तैयार की गई। सूत्रों के मुताबिक ईडी अब आरोपियों की कथित दागी संपत्ति के साक्ष्य तलाश रही है ताकि उन्हें धनशोधन रोधी कानून के तहत संलग्न किया जा सके।
आरबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी के बाद पिछले हफ्ते ही बैंक पर प्रतिबंध लगाया था। इस बैंक की 137 शाखाएं हैं और करीब 11 ह जार करोड़ रुपये इसमें जमा है। सूत्रों के मुताबिक बैंक की 73 फीसदी रकम करीब 6500 करोड़ रुपये अकेले एचडीआईएल समूह पर बकाया हैं।
एचडीआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग को मुंबई की स्थानीय अदालत ने 9 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। एसआईटी ने दोनों को बृहस्पतिवार देर रात गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की शिकायत पर दोनों को गिरफ्तार किया गया था।