(Pi Bureau)
हालाँकि RJD ने तेजस्वी यादव के इस्तीफे से साफ इनकार कर दिया है,लेकिन लालू इस मसले पर बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं।काँग्रेस भी बिहार में मौजूद इस संकट में अपनी स्थिति साफ नहीं कर पा रही है।शुरू में तो वो RJD के साथ खड़ी थी ,पर नीतीश का तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर सख्त तेवर देखते हुए अब लालू को ही तेजस्वी के इस्तीफे पर मनाने में लग गयी है। उधर आज,नीतीश ने अपने घर पर जदयू की बैठक बुलाई है और माना ये जा रहा है कि वह तेजस्वी को अपने मंत्रिमंडल से निकालने पर फैसला ले सकते हैं।राजद, बिहार विधानसभा में 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है पर उसकी मुश्किल ये है कि वो नीतीश के बिना सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, वहीं दूसरी तरफ नीतीश ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने का विकल्प खुला रखा है और जदयू -बीजेपी मिलकर 124 की संख्या पर पहुँचतें हैं जो कि जादुई नंबर 122 से ज्यादा है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जदयू के नेता सरकार बनाने को लेकर एक दूसरे के संपर्क में भी है। कुलमिलाकर इस सारे घटनाक्रम का सियासी फायदा नीतीश को ही मिलता नज़र आ रहा है-तेजस्वी इस्तीफा दें या गटबंधन टूटे,दोनो हालातों में नीतीश की ही छवि मज़बूत होगी औऱ इसका राजनीतिक नुकसान लालू को भुगतना पड़ेगा।