(Pi Bureau)
हर नौकरीपेशा शख्स की सैलरी से एक तय राशि PF के रूप में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में जाती है. इस राशि को सुरक्षित भविष्य के लिए सबसे बेहतर फंड माना जाता है.
वहीं इसके जरिए उम्र के आखिरी पड़ाव में लोगों को पेंशन का भी फायदा मिलता है. हालांकि अब पेंशन से जुड़े नियम में एक बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है. इस बदलाव का 6 करोड़ से अधिक EPF सब्सक्राइबर्स पर असर पड़ सकता है..
दरअसल, एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) एक प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक इस प्रस्ताव में पेंशन के लिए उम्र की सीमा को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया जा सकता है. हालांकि यह ऑप्शनल होगा.
इसका मतलब यह हुआ कि पीएफ खाताधारक की इच्छा पर है कि वो 58 साल की उम्र में पेंशन लेते हैं या 60 साल पर. EPFO का मानना है कि सरकार के इस फैसले से पेंशन फंड में घाटा 30000 करोड़ रुपये तक कम हो जाएगा.
यहां बता दें कि अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन पाने के हकदार बन जाते हैं. मौजूदा वक्त में 58 साल की उम्र होने पर एक निश्चित राशि मासिक पेंशन के तौर पर मिलने लगती है.
जानकारी मुताबिक यह प्रस्ताव पहली बार 2015 में बढ़ाया गया था, लेकिन तब सरकार ने इसे नहीं माना था. बहरहाल, EPFO के प्रस्ताव को न्यासी बोर्ड के अलावा लेबर मिनिस्ट्री और फाइनेंस मिनिस्ट्री की मंजूरी जरूरी होगी.
बता दें कि EPS-95 स्कीम के तहत करीब 60 लाख पेंशनर हैं और इसमें 3 लाख करोड़ रुपये का पेंशन फंड है.