(Pi Bureau)
लखनऊ : प्रदेश की फैक्ट्रियों में अब महिलाओं से शाम 7 बजे के बाद कार्य नहीं लिया जा सकेगा। इसके साथ ही दुकान व वाणिज्य प्रतिष्ठानों में मालिकों को महिलाओं को प्रसूति अवकाश देना होगा मगर उन्हें इसके लिए कोई वेतन नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए विधानसभा में कारखाना (फैक्ट्री) अधिनियम 1948 और उप्र दुकान व वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962 में संशोधन विधेयक पेश किए हैं। श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा पेश किए गये इन विधेयकों में की गयी व्यवस्था के मुताबिक किसी कारखाने में किसी महिला से सुबह 6 बजे और शाम 7 बजे के बीच के घण्टों के अलावा किसी और समय पर काम नहीं लिया जा सकेगा। इसके साथ ही ऐसे संस्थान में तीन महीने में 50 से अधिक घण्टे का ओवरटाइम नहीं कराया जा सकेगा। किसी भी कर्मचारी से लगातार सात दिन से अधिक ओवरटाइम नहीं कराया जा सकेगा। ऐसे किए गये ओवरटाइम के घंटों की संख्या 75 से ज्यादा नहीं हो। श्रममंत्री श्री मौर्या द्वारा पेश दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान संशोधन विधेयक के मुताबिक किसी भी ऐसे प्रतिष्ठान में गर्भावस्था में कोई महिला कर्मचारी प्रसूति अवकाश की हकदार होगी। मगर उसे इस अवधि का वेतन नहीं मिलेगा। ऐसे प्रतिष्ठान के पुरु ष व महिला कर्मचारी के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था हो। इसके साथ ही वाणिज्य प्रतिष्ठान में आश्रय, विश्राम कक्ष, रात्रि शिशु सदन महिला प्रसाधन, पर्याप्त सुरक्षा आदि महिला कर्मचारी के निवास व कार्यस्थल तक परिवहन की व्यवस्था होने पर ही महिला को प्रात: 6 बजे से रात 9 बजे तक कार्य कराया जा सकता है।