(Pi Bureau)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यहां महाभियोग ट्रायल में अमेरिकी सीनेट द्वारा सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। 48 के मुकाबले 52 वोटों से, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में दोषी नहीं पाया गया। इसके साथ ही उन्हें महाभियोग के एक अन्य आरोप से भी बरी कर दिया गया। यहां उन्होंने 47 के मुकाबले 53 वोटों के साथ जीत हासिल की।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स, जिन्होंने मुकदमे की अध्यक्षता की, उन्होंने पूरी तरह से ट्रम्प को बरी करने की घोषणा की। पहले आरोप में जहां ट्रंप को बरी करने के पक्ष में 52 वोट मिले, वहीं उनके खिलाफ 48 वोट पड़े। दूसरे आरोप में 53 ने ट्रंप के पक्ष में वोट किया वहीं 47 ने इसके खिलाफ वोटिंग की। इस तरह ट्रंप दोनों की आरोपों में बरी हो गए।
इससे पहले रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने कहा कि वह संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस की बाधा के आरोपों में दोषी ठहराने के लिए वोट देंगे।रिपब्लिकन पार्टी के पास चैंबर में 53-47 बहुमत है और सजा के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
इसका मतलब यह था कि अगर सभी डेमोक्रेट्स को दोषी ठहराने के लिए वोट दिया जाता है, तो ट्रम्प को दोषी ठहराए जाने और उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए 20 रिपब्लिकन को वोट देना आवश्यक था।
सदन द्वारा पारित महाभियोग के दो लेखों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बरी होने का मार्ग प्रशस्त हुआ। अमेरिका के 244 साल के इतिहास में यह तीसरी बार है कि किसी राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए महाभियोग लाया गया है और उसे निशाना बनाया गया है।
उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि महीनों की शर्मनाक जांच और पक्षपातपूर्ण रवैए के बाद ट्रंप को बरी कर दिया गया है। जेरी नाडलर, हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के अध्यक्ष, जिन्होंने ट्रम्प के खिलाफ आरोपों को आगे बढ़ाने की कसम खाई थी।