(Pi Bureau)
चीन के वुहान से निकलकर जानलेवा कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। अब तक पूरी दुनिया में इसके 722196 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इसकी वजह से पूरी दुनिया में 33976 लोगों की मौत हो चुकी है और 151766 मरीज सही भी हुए हैं। इस बीच एक अच्छी खबर ये भी है कि इसके केवल 5 फीसद मरीज ही अब तक पूरी दुनिया में गंभीर हालत में हैं।
COVID-19 की चपेट में आए दुनिया के टॉप-10 देश
इस वायरस की चपेट मे आ चुके चीन के बाद अब इसके सबसे अधिक मरीज अमेरिका में हैं। यहां पर इसके 142178 मरीज हैं जबकि 2484 की मौत हो चुकी है। इसकी चपेट में आए दुनिया के टॉप-10 देशों में अमेरिका के बाद इटली में 97689 मरीज, चीन में 81470 मरीज, स्पेन में 80110 मरीज, जर्मनी में 62435 मरीज, फ्रांस में 40174 मरीज, ईरान में 38309, ब्रिटेन में 19522 मरीज, स्विटजरलैंड में 14829 मरीज और नीदरलैंड में 10866 मरीज हैं।
मौत के मामलों में सबसे आगे वाले देश
मौत के मामलों में इसकी वजह से सबसे अधिक मौत इटली में हुई हैं। यहां पर इसकी वजह से अब तक 10799 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। इसके बाद स्पेन, चीन, ईरान, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन है। जर्मनी में तो इसकी वजह से होने वाले आर्थिक संकट के मद्देनजर वहां के एक मंत्री ने आत्महत्या तक कर ली है। इसके अलावा स्पेन की राजकुमारी की इसकी वजह से मौत हो चुकी है। दुनिया में राजपरिवार के किसी सदस्य के इस वायरस से हुई मौत का ये पहला मामला है।
लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
बहरहाल, आपको बता दें कि पूरी दुनिया इसको लेकर चिंतित है और सभी देश अपनी तरह से इसके प्रसार को रोकने की कोशिश में जुटे हैं। यही वजह है कि दुनिया के ज्यादातर देशों ने इसकी वजह से होने वाले आर्थिक संकट को नजरअंदाज करते हुए लोगों की जिंदगी को बचाना ज्यादा जरूरी माना है। यही वजह है कि दुनिया के ज्यादातर देशों में इस वक्त पूरी तरह से लॉकडाउन है। जहां पर नहीं है वो भी भविष्य में ऐसा करने से इनकार नहीं कर रहे हैं। लेकिन वहीं तीन देश ऐसे भी हैं जो किसी भी सूरत में देश में लॉकडाउन करने से साफ इनकार कर चुके हैं। इन देशों में अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान शामिल हैं। ये तीनों बार-बार लॉकडाउन से बदत्तर होने वाली आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार करते आ रहे हैं। इन देशों के प्रमुखों के इस रवैये की वजह से वहां के नेताओं में काफी रोष भी है।
अमेरिका
अमेरिका की बात करें तो यहां पर वर्तमान में सबसे अधिक मरीज हैं। इस मामले में इसने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। इसके बाद भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लॉकडाउन करने से इनकार कर चुके हैं। उनका साफ कहना है कि लॉकडाउन कर वह देश को आर्थिक संकट में नहीं डाल सकते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग की बात को भी गंभीरता से नहीं लिया है। इसके अलावा वो लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया के बड़े वैज्ञानिक और डॉक्टरों की उन अपील को भी नजरअंदाज कर चुके हैं जिसमें उन्होंने भी लॉकडाउन का समर्थन किया है। ट्रंप का कहना है कि इन लोगों का बस चले तो ये दुनिया के देशों में ताला लटका दें। उन्होंने ये भी कहा है कि वे तो ऐसा कहेंगे ही। देश में लॉकडाउन न करने की वजह से ट्रंप का विरोध भी हो रहा है। अमेरिकी सीनेट में कई सांसद पूरी तरह से लॉकडाउन के पक्ष में हैं।
ब्राजील
ब्राजील में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। यहां पर लॉकडाउन लागू करने को लेकर राष्ट्रपति जायरो बोल्सोनारो और राज्यों के गवर्नरों के बीच जबरदस्त टकराव चल रहा है। इसका अंदाजा ऐसे भी लया जा सकता है कि कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस के चलते हुई मौतों की संख्या पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इनका बढ़ा चढ़ाकर कर बताया जा रहा है। उनका ये भी आरोप था कि ऐसा सिर्फ अपनी राजनीति सीधी करने के लिए किया जा रहा है। इससे भी आगे निकलते हुए बोल्सोनारो का यहां तक कहना था कि इस वायरस की वजह से कुछ लोगों की तो मौत होगी ही इसके लिए वह लॉकडाउन कर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बादी के रास्ते पर नहीं धकेल सकते हैं।
आपको बता दें कि ब्राजील लेटिन अमेरिका के उन गरीब देशों में आता है जहां की माली हालत बेहद खराब है। इतना ही नहीं वहां की काफी जनता गरीबी स्तर के नीचे अपना गुजारा करती है और वहां पर लोगों को मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। इसके अलावा अपराध के मामले में भी ब्राजील कई देशों के मुकाबले आगे है। यहां पर अब तक कोरोना वायरस की चपेट 4256 लोग आ चुके हैं और 136 लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी गंभीरता को भांपते हुए यहां के एक बड़े फुटबॉल क्लब ने अपना एक स्टेडियम इसके मरीजों के लिए अस्थायी अस्पताल बनाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को सौंप दिया है। इसके बाद भी राष्ट्रपति इसकी गंभीरता से आंखें मूंदे हुए हैं।
पाकिस्तान
पाकिस्तान भी पूरे देश में इसलिए लॉकडाउन नहीं कर रहा है क्योंकि इसकी वजह से वहां की आर्थिक हालत बदत्तर हो जाएगी। खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि यदि देश में लॉकडाउन किया गया तो लोग भूखे मर जाएंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि उनके पास इस महामारी से लड़ने के लिए न तो फंड है न ही कोई इंफ्रास्ट्रक्चर। ऐसे में यदि लॉकडाउन किया गया तो हालात इतने खराब हो जाएंगे कि संभाले नहीं संभलेंगे। उन्होंने ये भी माना है कि ईरान से आए यात्रियों की जांच और उनके इलाज की भी देश में सही सुविधा नहीं है।
इसके अलावा उन्होंने बलूचिस्तान में खराब स्वास्थ्य हालातों पर भी चिंता जताई थी। इमरान और ट्रंप में इतना फर्क जरूर है कि इमरान सोशल डिस्टेंसिंग की बात लगातार कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कई बार अपील की है कि वो इसको मानें। आपको ये भी बता दें कि पाकिस्तान के सिंध और पंजाब में लॉकडाउन को लागू किया गया है। यहां पर इसके सबसे अधिक मरीज सामने आए हैं। पाकिस्तान के कई सांसद लॉकडाउन के पक्ष में हैं लेकिन इमरान इसके पक्ष में नहीं हैं।