…जब बाल कलाकार के तौर पर ऋषि कपूर ने अपने करियर की थी शुरुआत, राष्ट्रीय पुरस्कार से हुए थे सम्मानित !!!

(Pi Bureau)

पूरा देश इन दिनों महामारी से जूझ ही रहा था कि बॉलीवुड से भी 24 घंटे के भीतर ही 2 झटका देने वाली खबर आ गई. मशहूर अभिनेता इरफान खान के निधन के बाद अब बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का भी देहांत हो गया है. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

ऋषि कपूर का जन्म 4 सितम्बर, 1952 को मुंबई के चेंबूर में हुआ। ऋषि कपूर बॉलीवुड के शो मैन यानी राज कपूर के बेटे हैं। ऋषि कपूर का निक नेम चिंटू हैं। ऋषि कपूर के दो भाई हैं। रणधीर कपूर और राजीव कपूर और दोनो ही बॉलीवुड एक्टर हैं। कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी के मशहूर शख्स ऋषि के परिवार में पत्नी नीतू कपूर, बेटा रणबीर कपूर और बेटी रिद्धिमा कपूर हैं।

ऋषि कपूर तो अब नहीं रहे लेकिन उनकी यादें हमेशा उनके बेहतरीन अभिनय से सजी फिल्मों में जिंदा रहेंगी. इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि ऋषि कपूर ने कैसे लोगों के दिलों में अपनी एक अलग पहचान बनाई.

बाल कलाकार की थी करियर की शुरुआत …

ऋषि कपूर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने भाईयों के साथ कैंपियन स्कूल, मुंबई और उसके बाद आगे की पढ़ाई मेयो कॉलेज अजमेर से पूरी की। इसके बाद उनहोंने बतौर बाल कलाकर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से साल 1970 में की थी। यह फिल्‍म उनके पिता राजकपूर ने ही बनाई थी.

अपने शानदार अभिनय से ऋषि कपूर ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किये गए. अपने पिता राजकपूर के बैनर तले बनी फिल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया एक साथ पर्दे पर नज़र आये. डिंपल ने बॉबी के जरिये बॉलीवुड में अपनी पारी की शुरुआत की थी. इस फिल्म का जादू दर्शकों के दिलों-दिमाग पर ऐसा चला कि दोनों सितारों को शोहरत की बुलंदी तक पहुंचा दिया. इसके बाद साल 1975 में ‘खेल खेल में’ फिल्म ने ऋषि एक बार फिर कामयाबी का स्वाद चखाया.

अभिनेता के तौर पर अपनी दूसरी पारी को लेकर वह काफी संतुष्ट थे। इस दौरान वह अपनी पत्नी के साथ ‘दो दूनी चार’ में नजर आए। वहीं ‘अग्निपथ’, ‘कपूर एंडा सन्स’, ‘102 नॉट आउट’ में अभिनय से उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि बतौर कलाकार अभी वह सिनेमा जगत को और कितना योगदान दे सकते हैं।

ऋषि कपूर ने एक और सुपरहिट ‘हम किसी से कम नहीं’ फिल्म दी. इस फिल्म में डांसर की भूमिका में ऋषि कपूर का ‘बचना ए हसीनो’ गाना आज भी सभी के जुबान है. साल 1979 में आई फिल्म सरगम ने उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस फिल्म के लिए अभिनेता को पहली बार फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया. ‘ओम शांति ओम’ , ‘कर्ज’ जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अपना सिक्का जमाने में कामयाब रहीं. 1982 में आई फिल्म ‘प्रेम रोग’ में ऋषि कपूर के अभिनय के अलग-अलग अंदाज़ और रूप देखने को मिले. इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर अवार्ड से नवाज़ा गया.

1985 में आई ‘तवायफ’ में अपने बेहतरीन अभिनय की बदौलत उन्होंने एक और फिल्मफेयर अवार्ड अपने नाम किया. वहीं साल 2008 में ऋषि कपूर को फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया. साल 2009 में लव आज कल के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड से भी नवाजा गया. ऋषि कपूर तो अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनका जबरदस्त अभिनय हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगा.

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