Shashwat Tewari
01 जुलाई से पूरे देश में एक समान कर की व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर केंद्र और राज्य ने एक अहम पड़ाव पार कर लिया। केद्र व राज्यों को मिलाकर बने जीएसटी काउंसिल ने दो महत्वपूर्ण विधेयक, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी सीजीएसटी और इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी आईजीएसटी के मसौदे को मंजूरी दे दी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि काउंसिल की बैठक में दोनों ही मसौदों पर मुहर लग गयी। अब परिषद की अगली बैठक 15 मार्च को होगी जिसमें कानून के दो और मसौदे, स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी एसजीएसटी और यूनियन टेरीटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी यूटी जीएसटी पर मुहर लगने की उम्मीद है। इन सब के बाद संसद में सीजीएसटी, आईजीएसटी, यूटी जीएसटी और मुआवजे से जुड़ा विधेयक पेश किया जाएगा जबकि एसजीएसटी को राज्य सरकारें और दो केंद्र शासित प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभाओ से पारित कराया जाएगा।
जीएसटी के जरिए पूरे देश को एक बाजार में तब्दील करने की कोशिश है। इसे लागू करने की कई तारीखें तय हुई, लेकिन किसी ना किसी वजह से मामला आगे नहीं बढ़ पाया। अब मोदी सरकार ने राज्यों के साथ सहमति बनाकर पहली जुलाई से लागू कराने की योजना बनायी है। नई कर व्यवस्था के तहत पूरे देश में हर सामान पर एक समान कर होगा जबकि सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार राज्यों को भी होगा। हालांकि कर की दर क्या होगी, इस पर अतिम फैसला जीएसटी काउंसिल को लेना है, लेकिन फिलहाल, 5, 12, 18 और 28 फीसदी की चार दरें लागू करने का प्रस्ताव है।
केंद्र और राज्यों के बीच ये भी सहमति बनी है कि कर की दर को 40 फीसदी तक करने का प्रस्ताव रखा जाए। हालांकि ये महज इनबैलिंग प्रोविजन यानी जरुरत पड़ने पर ही इस्तेमाल होने वाला प्रावधान होगा। केंद्र ने साफ किया है कि कर की प्रस्तावित दर 5 से 28 फीसदी के बीच ही है। दूसरी ओर अभी ये भी तय होना है कि सोने पर कर की दर क्या होगी।
पेश है- दरों का प्रस्तावित खाका खास आप के लिए-
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आम इस्तेमाल की बड़ी खपत वाले सामान पर जीएसटी की दर 5 फीसदी होगी। 12 और 18 फीसदी की दो स्टैंडर्ड रेट रखी गयी है। रोजमर्रा के सामान जैसे साबुन, शैंपू, शेविंग क्रीम वगैरह इस सूची में आ सकते हैं। 28 फीसदी की दर टीवी, फ्रिज जैसे व्हाइट गुड्स और सामान्य कारों के लिए होगी। एरिटेड ड्रिंक्स, पान मसाला, तंबाकू के उत्पाद और लग्जरी सामान पर जीएसटी की दर 28 फीसदी होगी। इसके अलावा इन सामान पर सेस भी लगेगा। इन सामान पर कुल टैक्स की मौजूदा दर और 28 फीसदी के बीच के बराबर सेस लगेगा। मसलन, अभी यदि ऐसे किसी सामान पर केंद्र और राज्य के टैक्स को मिलाकर कुल 40 फीसदी की दर से टैक्स लगता है तो उस पर सेस की दर 12 फीसदी होगी।
ध्यान देने की बात ये है कि जीएसटी लागू होने के बाद अलग-अलग करों को मिलाकर एक कर लगेगा। मसलन, केंद्रीय करों में उत्पाद कर, अतिरिक्त उत्पाद कर, सेवा कर और सेस व सरचार्ज को मिला दिया जाएगा, वहीं राज्यों की करों में वैट, सेल्स टैक्स, चुंगी, विलासिता कर और सेस व सरचार्ज मिला दिए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि नई कर व्यवस्था से कारोबारी माहौल बेहतर होगा और पूरी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।