(Pi Bureau)
अमेरिका में हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. आशीष झा ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में जब संक्रमण चरम पर होगा तो देश में संक्रमण के मामलों और मृतकों की संख्या में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो सकती है।
भारतीय मूल के झा ने कहा कि वह देश में संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित हैं। देश में जनसंख्या की सघनता का इसमें योगदान हो सकता है। मुंबई, दिल्ली और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में संक्रमण प्रसार की दर अधिक है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अभी संक्रमण चरम पर नहीं पहुंचा है। जब वहां संक्रमण तेजी से फैलेगा तो संक्रमित लोगों की संख्या और मृतक संख्या में और तेजी से बढ़ोतरी होने की आशंका है। हमें इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले छह दिन से भारत में संक्रमण के रोजाना 10,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। संक्रमण होने, उसके लक्षण दिखने और मौत होने के समय में अंतर के कारण आगामी हफ्तों और महीनों में मामले बढ़ने की आशंका है।
एक अक्टूबर तक होंगे 2.73 करोड़ संक्रमण के मामले
उन्होंने कहा कि भारत में संक्रमण के मामले बताई गई संख्या से अधिक हो सकते हैं क्योंकि भले ही जांच की संख्या बढ़ी है, लेकिन मामूली लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले सभी मरीजों की जांच अभी नहीं हो पा रही है। उन्होंने भारत में संक्रमण और मौत की संख्या का अनुमान लगाने के लिए ‘यूयांग गु कोविड-19‘ मॉडल का जिक्र किया। यह मॉडल विश्वभर में संक्रमण के मामलों और मौत का अनुमान बताता है। इस मॉडल के अनुसार भारत में एक अक्टूबर, 2020 तक 2,73,33,589 लोग संक्रमित हो सकते हैं और इनमें से 1,36,056 लोगों की मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने का संघर्ष 12 महीने या इससे भी अधिक समय तक चल सकता है। संक्रमण से निपटने के भारत के प्रयासों पर उन्होंने मार्च में लागू किए गए लॉकडाउन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इसे सही समय पर लागू किया गया लेकिन यह स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जांच की क्षमता बढ़ी है लेकिन यह अभी भी बहुत कम है।