(Pi Bureau)
पाकिस्तान दोबारा सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब गलियारे को खोलने की तैयारी कर रहा है। इसकी जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान सभी सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर साहिब गलियारे को फिर से खोलने की तैयारी कर रहा है। महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर 29 जून 2020 को गलियारे को फिर से खोलने के लिए हम भारतीय पक्ष को हमारी तत्परता से अवगत करा रहे हैं।’
भारत ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 15 मार्च को करतारपुर गलियारे को बंद करने का फैसला किया था। इसे पहले 31 मार्च तक बंद किया गया था लेकिन बाद में इसे अनिश्चितकाल तक के लिए बंद रखने का फैसला किया गया।
गुरु नानक से जुड़ा है करतारपुर गुरुद्वारा
पाकिस्तान के नारोवाल जिले में रावी नदी के पास स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का इतिहास लगभग 500 साल से भी ज्यादा पुराना है। ऐसी मान्यता है कि सन 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। अपने जीवन के आखिरी पल उन्होंने यहीं बिताए थे। करतारपुर साहिब की दूरी लाहौर से 120 किलोमीटर तो गुरदासपुर इलाके में भारतीय सीमा से यह लगभग सात किलोमीटर दूर है।
दोनों देशों की सरकारों ने मिलकर बनाया था गलियारा
भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने मिलकर गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारे को जोड़ने के लिए गलियारा बनाने का फैसला लिया था। 2018 में इसकी नींव रखी गई थी। भारत में 26 नवंबर और पाकिस्तान में 28 नवंबर को इसका शिलान्यास किया गया था। इसके बाद गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव के मौके पर नौ नवंबर 2019 को इसे जनता को समर्पित कर दिया गया था।