(Pi Bureau)
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री में सेलेब्स अब डिप्रेशन को लेकर खुलकर अपनी बात रख रहे हैं. सेलेब्स अपने डिप्रेशन से जूझने की सारी दास्तां जनता के समक्ष रख रहे हैं. हाल ही में में नेशनल अवार्ड विनर एक्टर मनोज बाजपेयी ने चौकाने वाला खुलासा किया और बताया कि कैसे स्ट्रगल के शुरुआती दिनों में वह खुद से ही हार रहे थे और उनके मन भी खुद को खत्म करने का विचार आ रहा था, लेकिन उनके दोस्तों ने उनकी जान बचा ली। उन्होंने लिखा कि वो एक किसान के बेटे थे और बॉलीवुड में अपने टैलेंट के दम ओर पहचान बनाना चाहते थे। लेकिन उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था। वह उन दिनों आत्महत्या करने के काफी करीब थे, और उन्हें वड़ा पाव भी काफी महंगा लगता था। चॉल का किराया भी बड़ी मुश्किल से भर पाते थे और एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने उनका फोटो फाड़ दिया था।
हिंदी सिनेमा के सबसे शानदार एक्टर्स में से एक बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी सुशांत के निधन के बाद से गमगीन हैं। सोशल मीडिया पर उन्होंने सुशांत के जाने का दुख जताया था। हाल ही में मनोज बाजपेयी ने अपने स्ट्रगल के शुरुआती दिनों की कहानी को साझा किया और उन दिनों आने वाली परेशनियों को लेकर खुलकर बातें कीं। उन्होंने बताया कि वह उन दिनों आत्महत्या करने के काफी करीब थे। एक्टर ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की और 3 बार नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए भी अप्लाई किया लेकिन कुछ हाथ न लग सका।
उन्होंने आगे बताया कि मैंने थिएटर किया, जिसके बारे में मेरे परिवार को आइडिया नहीं था। आखिर में मैंने अपने पिता को एक लेटर लिखा। इस बात से वह काफी नाराज हुए वह 200 रुपये भेजा करते थे, गुस्से में उन्होंने वो नहीं भेजे। परिवार सोचता था कि मैं किसी काम का नहीं हूँ। मैं एक्टिंग में करियर बनाना चाहता था, लेकिन मैं एक आउटसाइडर था। मैं बीच में फिट होने की कोशिश में लगा हुआ था। मैंने हिंदी-इंग्लिश बोलनी सीखी और भोजपुरी तो मेरी भाषा थी तो इस पर मेरी अच्छी पकड़ थी। इसके बाद मैंने एनएसडी के लिए ट्राई किया लेकिन तीन बार रिजेक्ट हुआ। मैं सुसाइड करने का ही सोच रहा था, ऐसे में मेरे दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया। वह मेरे बराबर में सोने लगे और देखते कि मैं ठीक तो हूं। जब तक मुझे इस इंडस्ट्री ने अपना नहीं लिया सभी मेरे साथ रहे।
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, “मुझे मेरे पहले शॉट के बाद ‘निकल जाओ’ तक कह दिया गया था. मेरा चेहरा आइडल हीरो फेस जैसा नहीं था, तो उन्हें लगता था कि मैं बड़े पर्दे पर कभी नहीं आ पाऊंगा. उस समय मुझे किराया देने में काफी मुश्किल होती थी और मुझे वड़ा पाव तक महंगा लगता था. लेकिन मेरे पेट की भूख मुझे कामयाब होने से कभी नहीं रोक पाई.”