(Pi Bureau) नई दिल्ली। सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में सब-कैटेगरी बनाने की संभावना के लिए एक कमीशन बनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला किया गया। कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बताया कि कमीशन के अध्यक्ष की नियुक्ति होने के बाद वह 12 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख हुई
सरकार ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.) में क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाकर 8 लाख रुपए सालाना कर दी है। अभी यह सीमा 6 लाख रुपए सालाना है। क्रीमी लेयर की लिमिट बढ़ाए जाने का मतलब यह है कि ओ.बी.सी. कैटेगरी में 8 लाख रुपए तक सालाना इनकम वाले को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। जेतली ने कहा कि यह कदम सभी ओ.बी.सी. को बेनेफिट्स पहुंचाने के लिए उठाया गया है।
क्या है क्रीमी लेयर
क्रीमी लेयर में आने वाले पिछड़ा वर्ग के लोग आरक्षण के दायरे से बाहर हो जाते हैं। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओ.बी.सी. के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है। इस आरक्षण का लाभ लेने में शर्त यह है कि परिवार की सालाना इनकम क्रीमी लेयर के दायरे में न आती हो। अभी तक सालाना इनकम की लिमिट छह लाख रुपए तक थी। अब यह 8 लाख रुपए हो गई है। जिनकी सालाना इनकम इस लिमिट से अधिक होती है उन्हें क्रीमी लेयर कहा जाता है और वे आरक्षण के लिए पात्र नहीं होते।