(Pi Bureau)
भारत के साथ तनाव के बाद से चीन को चारों तरफ से झटके लग रहे हैं। पहले अमेरिका ने ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद किया, वहीं अब रूस ने एलान किया है कि उसने चीन को दी जाने वाली एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगा दी है।
एस-400 उन्नत प्रणाली वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसमें सतह से हवा में मार करने की क्षमता है। रूस ने डिलीवरी पर रोक लगाते हुए कहा है कि भविष्य में एस-400 की डिलीवरी को लेकर तिथि निर्धारित की जाएगी।
रूस के इस कदम के बाद चीन ने दी सफाई
उधर, रूस की घोषणा के बाद चीन ने सफाई देते हुए कहा है कि मास्को इस तरह का निर्णय लेने के लिए मजबूर है, क्योंकि वह चिंतित है कि इस समय एस-400 मिसाइलों का वितरण पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की महामारी विरोधी गतिविधियों को प्रभावित करेगा। चीन ने आगे कहा कि रूस नहीं चाहता कि इससे बीजिंग को कोई परेशानी हो। चीन का कहना है कि कई कारणों से रूस को मिसाइल देने के निर्णय को स्थगित करना पड़ा है। बीजिंग का कहना है कि इस प्रकार के हथियारों की डील एक जटिल प्रक्रिया है। इसके अलावा हथियारों को प्रयोग में लाने के लिए कर्मियों को प्रशिक्षण लेना पड़ता है। इसके लिए कर्मियों को रूस भेजना पड़ता, लेकिन कोरोना महामारी के दौर में यह काफी खतरनाक है।
आक्रमकता के कारण कूटनीतिक मोर्चे पर कई देशों से एक साथ संघर्ष
रूस ने यह आपूर्ति तब रोकी है, जब चीन अपनी आक्रमकता के कारण कूटनीतिक मोर्चे पर कई देशों से एक साथ संघर्ष कर रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीनी सेनाओं के खूनी संघर्ष के बाद भारत के साथ उसके तनावपूर्ण रिश्ते हैं। हांगकांग और दक्षिण चीन सागर को लेकर वह अमेरिका व यूरोपीय देशों के साथ जापान, ऑस्टेलिया, वियतनाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया से उसके रिश्ते तल्ख हो गए हैं। ऐसे में रूस का एस-400 मिसाइलों पर रोक लगाना चीन के लिए चिंता का विषय हो सकता है। रूस के इस कदम के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम
- एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा।
- एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा।
- यह सिस्टम एक साथ एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है।
- यह मिसाइल 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एक साथ नष्ट कर सकता है। चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है।
- चीन ने भारत से पहले इस मिसाइल सिस्टम को खरीदने का फैसला किया था। पहला बैच उसे 2018 में मिल भी चुका है। भारत को इस साल के आखिर तक यह सिस्टम मिल जाएगा।
- खास बात ये है कि रूस ने चीन की डिलीवरी को तो रोक दिया है, लेकिन भारत को वक्त पर मिसाइल देने का वादा दोहराया है।