रूस ने पहले उपग्रह पर रखा पहली COVID-19 वैक्‍सीन का नाम, दुनिया के 20 देशों से मिला इतना बड़ा ऑर्डर !!!

(Pi Bureau)

रूस ने विदेशी बाजारों के लिए अपनी पहली अनुमोदित COVID-19 वैक्सीन का नाम स्पुतनिक वी (Sputnik V) दिया है, जो रूस के पहले उपग्रह के नाम पर है। तत्कालीन सोवियत संघ (अब रूस) ने दुनिया को हैरान करते हुए साल 1957 में ‘स्पुतनिक 1’ उपग्रह लांच किया था। रूस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है।

एक अरब खुराक का मिला ऑर्डर

रूस के प्रत्यक्ष निवेश निधि के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने कहा कि इस वैक्सीन की एक अरब खुराक के लिए 20 देशों से ऑर्डर मिल चुके हैं। चार देशों में अपने सहयोगियों के साथ रूस हर साल इसकी 50 करोड़ खुराक बनाएगा। उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिकी, पश्चिम व दक्षिणी एशियाई देशों ने इस टीके को खरीदने में रुचि दिखाई है और कई कांट्रैक्ट भी किए जा चुके हैं।

इससे पहले रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन ने कहा कि इस सुबह दुनिया में पहली बार नए कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्‍सीन रजिस्‍टर्ड हुई है। उन्‍होंने उन सभी लोगों को धन्‍यवाद दिया जिन्‍होंने इस वैक्‍सीन पर काम किया। पुतिन ने दावा किया कि वैक्‍सीन सारे जरूरी टेस्‍ट से गुजरी है। अब यह वैक्‍सीन बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भेजी जाएगी।

किरिल दिमित्रिक ने वैक्‍सीन के निर्माण की तुलना सोवियत संघ के 1957 के स्पूतनिक 1 के दुनिया के पहले उपग्रह से की। इसे एक ऐतिहासिक स्पुतनिक क्षण के रूप में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों में ‘स्पुतनिक वी’ के नाम से वैक्सीन की मार्केटिंग की जाएगी।

पुतिन की बेटी को लगाया गया टीका

हालांकि, आम लोगों के लिए यह वैक्सीन अगले साल एक जनवरी से उपलब्ध होगी। पुतिन ने मंगलवार को एक सरकारी बैठक में कहा कि टीका परीक्षण में खरा उतरा है और कोरोना वायरस के खिलाफ मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए इस महत्वपूर्ण टीके का बड़े पैमाने पर जल्द ही उत्पादन शुरू किया जाएगा।

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