(Pi Bureau)
सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच अब सीबीआई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को करने के लिए कहा। साथ ही मुंबई पुलिस को तमाम दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए। कोर्ट ने आगे कहा कि बिहार सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई को रेफर करने का अधिकार है। सीबीआई चाहे तो नया मुकदमा दर्ज कर सकती है।
सुशांत के पिता केके सिंह ने रिया के खिलाफ बिहार में केस दर्ज कराया था। इसे मुंबई ट्रांसफर कराने के लिए अभिनेत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने पिछले मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। सीनियर वकील मनिंदर सिंह बिहार सरकार की तरफ से, अभिषेक मनु सिंघवी महाराष्ट्र सरकार, श्याम दिवान रिया की तरफ से और विकास सिंह ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की ओर से पैरवी की।
रिया ने अपनी याचिका में कहा था कि सुशांत के पिता की एफआईआर का पटना में किसी अपराध से कोई कनेक्शन नहीं है। पटना में केस दर्ज होने से राज्य भारी दखल दे रहा है। बिहार में चुनाव होने वाले हैं इसलिए इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। हालांकि बिहार पुलिस ने मुंबई पुलिस पर सहयोग नहीं देने का आरोप लगाया था।
पटना में FIR दर्ज करना और बिहार सरकार का CBI जांच की सहमति देना सही: SC
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में पटना में एफआईआर और सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की अनुशंसा को सही ठहराते हुए मुंबई पुलिस को निर्देश दिया है कि वो अब तक जुटाए गए सभी सबूत और दस्तावेज CBI को सौंपे. कोर्ट ने कहा है कि ‘महाराष्ट्र सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करे और सहायता करे’. अदालत का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती देने के लिए स्वतंत्रता मांगी, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. यानी कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को चुनौती भी नहीं दे पाएगी.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि राजपूत की आत्महत्या के पीछे के रहस्य की जांच का CBI को एकमात्र अधिकार होने के बारे में कोई भ्रम ना हो और कोई भी अन्य राज्य पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती. CBI न केवल पटना एफआईआर बल्कि राजपूत की मौत के मामले से जुड़ी किसी अन्य एफआईआर की जांच करने में सक्षम होगी.’
SC ने कहा कि ‘चूंकि मुंबई पुलिस ने राजपूत की मौत के लिए केवल एक्सीडेंटल मौत की रिपोर्ट दर्ज की थी, इसलिए इसमें सीमित जांच शक्तियां थीं. चूंकि बिहार पुलिस ने एक पूरी एफआईआर दर्ज की है, जिसे पहले से ही सीबीआई को भेज दिया गया है. केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए.’