(Pi Bureau) लखनऊ। स्वाइन फ्लू ने दो और मरीजों की जान ले ली है। एक मरीज का घर पर इलाज चल रहा था। जबकि दूसरी महिला केजीएमयू के गांधी वॉर्ड में भर्ती थी। इलाज के दौरन मरीज की मौत हो गई। अब तक 13 मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू के वायरस ने 51 मरीजों को चपेट में ले लिया। वहीं डेंगू ने एक मरीज को जकड़ लिया। अब तक डेंगू 40 मरीजों को चपेट में ले चुका है।
राजाजीपुरम निवासी 57 साल की महिला बीते कई दिनों से सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित थी। उनका इलाज घर पर चल रहा था। सीएमओ की टीम ने मरीज को दवाएं उपलब्ध कराई। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। इसी तरह गांधी वार्ड में गंभीर हाल में भर्ती कराई गई 65 साल की बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।
51 मरीजों को संक्रमण ने जकड़ा:
स्वाइन फ्लू के संक्रमण ने शनिवार को 51 लोगों को जकड़ लिया है। जबकि इस बीमारी पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है। शनिवार को राजधानी के आजाद नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, रतनखंड, ओसीजी चौराहा, हंस खेड़ा, कच्चापुल चौपटिया, रजनीखंड, बंग्ला बाजार मानस नगर, तालकटोरा, राजाजीपुरम, आलमबाग, निशातगंज, विनय खंड गोमती नगर आदि क्षेत्रों से कुल 51 नए मरीज चिन्हित किए गए। सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई ने बताया कि चिन्हित किए गए मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। रोकथाम के कदम और बेहतर इलाज होने की वजह से ही स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने के बावजूद मरीजों की जान खतरे से बाहर है।
मास्क और दवा के लिए भटक रहे मरीज:
स्वाइन फ्लू का संक्रमण पूरे शहर में फैला है। इसके बावजूद अधिकारी संक्रमण फैलने से रोकने को लेकर संजीदा नहीं है। मरीजों को समय पर न तो दवाएं मिल रही हैं न ही मास्क। नतीजतन संसाधन जुटाने के लिए मरीज भटक रहे हैं। इससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
फैजुल्लागंज में कई मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। मरीजों का आरोप है कि उन्हें दवाएं नहीं मिल रही है। मास्क तक नहीं उपलब्ध हो रहा है। इसकी वजह से मरीजों को इलाज हासिल करने में खासी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। यही हाल दूसरे इलाके के मरीजों का है। जांच कराने के लिए भी मरीज भटक रहे हैं। डॉक्टर नमूना लेने में हिचक रहे हैं। मजबूरन मरीज प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटरों में पांच से छह हजार रुपये खर्च कर जांच कराने को मजबूर हैं।
स्वाइन फ्लू से युवक की मौत
स्वाइन फ्लू डॉक्टरों की लापरवाही से भी फैल रहा है। डॉक्टर मरीजों को कागजों में दवा खिला रहे हैं। मरीज घर पर मौजूद हैं जबकि रिपोर्ट में मरीज को घर में न होने की बात कही जा रही है। सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई ने बताया कि स्वाइन फ्लू रैपिड एक्शन टीम के डॉक्टर को दवा वितरण सही से न करने के चलते 2 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। टीम में तैनात डॉ. शकील ने 25 अगस्त को दवा वितरण के लिए भेजा गया था। उन्होंने बताया कि डॉक्टर मरीज के घर तक नहीं गए जबकि रिपोर्ट में मरीज के घर पर उपलब्ध न होने का जिक्र किया। जब सीएमओ ऑफिस से मरीज को फोन किया गया तो पता चला कि बीमारी के बाद से वे घर पर हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी डॉ. शकील की शिकायत आ चुकी है। दोष सिद्ध होने पर उनकी संविदा रद्द कर दी जाएगी।
31 नए मरीजों और स्वाइन फ्लू के मिलें अब तक 232
जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, थकान, और भूख की कमी, खांसी और गले में खराश शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकती है। इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) से संक्रमित कुछ लोगों को गंभीर रोग हुई और मर गए। बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकाँश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं।