(Pi Bureau)
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन का चालबाजी को एक बार फिर भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया है. चार दिन के अंदर चीन ने तीन बार घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारत के तेवर देख चीनी सैनिकों को दबे पांव लौटना पड़ा. इस वजह से एलएसी पर हालात तनावपूर्ण है. चीन की इस चालबाजी पर अमेरिका ने सख्त रुख अपनाया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इसकी गहन निगरानी कर रहे हैं और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। जैसा कि कई अवसरों पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि बीजिंग अपने पड़ोसियों और बाकी देशों से लगातार बहुत ही आक्रामक तरीके से उलझने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ताइवान स्ट्रेट से शिनजियांग, साउथ चाइना सी से हिमालय तक, साइबर स्पेस से लेकर इंटल ऑर्गनाइजेशन तक, हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ काम कर रहे हैं, जो अपने ही लोगों को दबाना चाहती है और अपने पड़ोसियों को धमकाना चाहती है। केवल इन उकसावों को रोकने का एक तरीका है, बीजिंग के खिलाफ खड़ा होना।
बता दें कि 1 सितंबर को चीनी सेना के लगभग सात से आठ भारी वाहनों ने अपने चेपूजी शिविर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से की ओर प्रस्थान किया था। इससे पहले भारतीय सेना ने चीनी सेना द्वारा 29 और 30 अगस्त की मध्य रात्रि को लद्दाख के चुशुल के पास पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट के पास भारतीय इलाकों में घुसने का प्रयास नाकाम किया था। बता दें कि भारतीय सुरक्षा बल एलएसी के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर हैं।