चीन की हर चाल पर भारत की नजर, जल्द ही जयशंकर और वांग यी की होगी मुलाकात !!!

(Pi Bureau)

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद जारी है। इसी बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष वेई फेंगही के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। मई की शुरुआत में शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों मंत्रियों की यह पहली बैठक थी। वहीं नौ से 11 सितंबर तक विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में होंगे। माना जा रहा है कि यहां जयंशकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बैठक हो सकती है।

दूसरी तरफ नई दिल्ली में बैठे अधिकारियों का कहना है कि वे देखना चाहेंगे कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर वेई पूरी तरह से सेना को पीछे हटाने के लिए बीजिंग के उच्च अधिकारियों को मना पाते हैं या नहीं। जहां एक तरफ दोनों पक्ष गतिरोध की स्थिति में हैं और बैठक के बाद आधिकारिक बयान जारी कर चुके हैं। ऐसे में भारत की नजर जमीन पर चीन के अगले कदम पर है।

साउथ ब्लॉक का मानना है कि इस बार चीन का संकट के समाधान के लिए उसकी प्रतिबद्धता और ईमानदारी को लेकर परीक्षण किया जाएगा। खासतौर पर तब जब भारतीय जवानों ने चुशूल सेक्टर में एलएसी की सामरिक ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है। सैन्य कमांडरों और राजनयिकों के बीच शुक्रवार तक व्यक्तिगत रूप से बातचीत हुई थी।

विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के स्तर पर बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। हालांकि इन वार्ताओं का कोई खास नतीजा नहीं निकला। पांच जुलाई को एनएसए अजित डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात हुई थी। इसमें शुरुआती स्तर पर गतिरोध कम करने पर सहमति बनी थी।

जुलाई मध्य के बाद जमीनी स्तर पर कोई फॉरवर्ड मूवमेंट नहीं हुआ है। हालांकि जब भारतीय जवानों ने चुशूल में ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया तो इससे चीनी प्रयास अवरुद्ध हो गए। इसके बाद चीन के रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत की मंशा जाहिर की। भारत बैठक के लिए तैयार हो गया। 

About Politics Insight