(Pi Bureau)
बॉलीवुड में दशकों तक रहने वाले सदाबहार अभिनेता देवानंद का आज 97वां जन्मदिन है. देव आनंद रोमांस किंग के नाम से लोकप्रिय थे. अभिनेता देवानंद ने कठोर परिश्रम के बाद बॉलीवुड में एक लोकप्रिय अभिनेता के तौर पर सफलता पाई है। देवानंद का जन्म पंजाब के गुरूदासपुर में एक साधारण से परिवार में हुआ था।
देवानंद ने अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई लाहौर के एक सरकारी स्कूल में की थी। देवानंद को आगे पढ़ने की भी इच्छा थी लेकिन घर से पैसों का सपोर्ट न मिलने पर उन्होंने सोच लिया था कि अगर काम करना है तो फिल्म इंडस्ट्री में ही क्यों न करा जाए। उन्हें एक्टिंग का शौक पहले से ही था। जिसके बाद से वे अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए मुंबई निकल गए थे।
शुरुआती दौर में देवानंद को कई तकलीफों का सामना करना पड़ा था। बता दें कि जब देवानंद मुंबई आए थे तब उनकी जेब में केवल 30 रूपये ही थे। उनके पास रहने की कोई जगह तक नहीं थी। इतना ही नहीं उन्हें कई रातें तो रेलवे स्टेशन पर ही काटनी पड़ी थी। उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे कि वे ठीक से 2 टाइम खाना भी खा सकें।
मिलिट्री सेंसर ऑफिस में मिली पहली नौकरी
बता दें कि मुंबई आने के थोड़े समय बाद देवानंद को मिलिट्री सेंसर ऑफिस में नौकरी मिल गई थी। लगभग 1 साल मिलिट्री सेंसर में काम करने के बाद देवानंद को इप्टा में काम मिला, जहां उन्हें छोटे मोटे नाटकों में रोल मिलने लगे थे। जिसके बाद से उन्हें फिल्मों के भी ऑफर आने लगे थे।
बता दें कि साल 1945 में आई फिल्म “हम एक हैं” से देवानंद ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी। साल 1948 में आई फिल्म जिद्दी ने देवानंद के करियर के सुनहरे रास्ते खोल दिए थे। फिल्म सूपरहिट साबित हुई, इस फिल्म के बाद लोग देवानंद को जानने लगे।
साल 1950 में नवकेतन बैनर पर काम कर रहे देवानंद अभिनेत्री सुरैया से मिले। जिसके बाद दोनों की मुलाकातें भी होने लगीं थी। दोनों में नजदीकियां तो बहुत बढ़ी लेकिन शादी की बात आने पर सुरैया की नानी ने रिश्ते से इंकार कर दिया था। जिस कारण दोनों को अपना रिश्ता खत्म करना पड़ा। जिसके बाद देवानंद ने बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस कल्पना कार्तिक से शादी कर ली थी।
मिल चुके हैं कई अवार्ड्स
देवानंद ने अफसर, “हाउस नं 44 “, “फंटूश “, “काला पानी “, “काला बाजार ” जैसी कई फिल्में का निर्देशन भी किया था।
बता दें कि देवानंद को अभिनय के लिए 2 बार अवार्ड भी मिल चुका है। देवानंद पद्मभूषण पुरुस्कार से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं देवानंद को “दादा साहेब फाल्के अवार्ड” भी मिल चुका है।