त्योहारों से पहले ग्राहकों को लगा बड़ा झटका, आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव !!!

(Pi Bureau)

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक आज समाप्त हो गई है। कोरोना काल और त्योहारी सीजन में ग्राहकों को आरबीआई से झटका लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। जबकि ग्राहकों को ईएमआई में कटौती की उम्मीद थी। मालूम हो कि यह एमपीसी की 25वीं बैठक थी, जो पहले 28 सितंबर को होनी थी। समिति में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक को आगे टालना पड़ा था।अब तीन जाने माने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े को एमपीसी का सदस्य नियुक्त कर दिया गया है। 

आईए जानते हैं केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों के लिए क्या एलान किए हैं। 

प्रमुख बातें:-
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के नए सदस्यों का स्वागत किया और उनका आभार प्रकट किया।

आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।

दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।

आगे गवर्नर ने कहा कि हाल में आए आर्थिक आंकड़ों से अच्छे संकेत मिले हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी के मजबूत संकेत मिले हैं। कई देशों में मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल बिक्री में रिकवरी देखने को मिली है। साथ ही खपत और निर्यात में भी कई देशों में सुधार दिखा गया।

चालू वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही में जीडीपी में वृद्धि की उम्मीद है। हम बेहतर भविष्य के बारे में सोच रहे हैं। सभी सेक्टर्स में ग्रोथ देखने को मिल रही है। 

शक्तिकांत दास ने कहा कि, ‘मैं आशावादी हूं। तीसरी तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गतिविधियों में असमान रूप से ही लेकिन रिबाउंड देखने को मिला है।’ वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही का गहरा संकुचन पीछे छूट चुका है। उन्होंने कहा कि अब फोकस रिवाइवल पर है। भारत कोरोना वायरस से पहले की वृद्धि के आंकड़े को छू सकता है।

जीडीपी चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आ सकती है: रिजर्व बैंक गवर्नर

वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में गति मिल सकती है, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी: दास।

दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है।

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।

दास ने कहा कि देश में रबी फसलों का आउटलुक बेहतर दिख रहा है।

जीडीपी वृद्धि का अनुमान निगेटिव में 9.5 फीसदी रखा गया है। सितंबर माह में पीएमआई बढ़कर 56.9 हो गया, जो जनवरी 2012 के बाद से सबसे अधिक है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उधार की औसत लागत 5.82 फीसदी पर है, जो 16 साल में सबसे कम है।’

छोटे कर्जदारों के लिए 7.5 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दे दी गई है।

केंद्रीय बैंक द्वारा नए हाउसिंग लोन पर रिस्क वेटेज को कम कर दिया गया है। 

साथ ही संकट के समय में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के मद्देनजर दिसंबर 2020 से आरटीजीएस को 24 घंटे लागू करने का प्रस्ताव है।

केंद्रीय बैंक का ध्यान फाइनेंस को आसान बनाने और वृद्धि पर है, जिस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अगले हफ्ते 20,000 करोड़ रुपये का ओपन मार्केट ऑपरेशन यानी OMO होगा। ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) के तहत केंद्रीय बैंक सरकारी सिक्योरिटी और ट्रेजरी बिल की खरीद और बिक्री करते हैं। भारत में यह काम आरबीआई करता है। आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था में पैसे की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन करता है।
केंद्र सरकार के लिए WMA की सीमा 1.25 लाख करोड़ रुपये रखी गई है।

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