(Pi Bureau)
अमेजन प्राइम वीडियो पर वेब सीरीज ‘तांडव’ के रिलीज होने के बाद उसमें परोसे गए कंटेंट को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। बीजेपी नेता समेत कई संगठनों की ओर से उठे बैन करने की मांग के बीच सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अमेजन प्राइम वीडियो के अधिकारियों का तलब किया है। मंत्रालय ने अमेजन प्राइम वीडियो से सोमवार तक जवाब देने के लिए कहा है।
बता दें कि वेब सीरीज में हिंदू देवताओं के अपमान का आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक राम कदम ने घाटकोपर पुलिस स्टेशन में इसके निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत दर्ज कराने के बाद राम कदम ने कहा, ”वेब सीरीज के एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया, डिनो मोरिया, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अय्यूब, गौहर खान और कृतिका कामरा अभिनीत तांडव का शुक्रवार को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रीमियर हुआ। फिल्मकार अली अब्बास ज़फर ने हिमांशु किशन मेहरा के साथ मिलकर राजनीति पर आधारित इस फिल्म का निर्माण एवं निर्देशन किया है। इसे गौरव सोलंकी ने लिखा है, जो ‘अनुच्छेद 15’ के लिए जाने जाते हैं।
मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘मंत्रालय ने मामले (शिकायतों) का संज्ञान लिया है और अमेजन प्राइम वीडियो से स्पष्टीकरण देने को कहा है। मुंबई उत्तर-पूर्व से सांसद कोटक ने आरोप लगाया है कि ऐसे मंचों पर अक्सर हिंदू देवी-देवताओं को गलत तरीके से दिखाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों ने शिकायत की है कि ‘तांडव’ वेब सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं का उपहास किया गया है।
कोटक ने कहा, इसलिए, हमने जावड़ेकर जी से मांग की है और उन्हें पत्र लिखा है कि वे वेब सीरीज पर तत्काल रोक लगाएं। अभिनेताओं, निर्माता और निर्देशक को भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जावड़ेकर को लिखे पत्र की तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि कोई कानून या स्वायत्त निकाय नहीं है जो डिजिटल सामग्री को नियंत्रित करे और ऐसे प्लेटफार्मों पर फिल्में सेक्स, हिंसा, मादक पदार्थ दुर्व्यवहार, घृणा और अश्लीलता से भरी हुई होती हैं।
सांसद ने कहा, ”कभी-कभी, वे धार्मिक भावनाओं को भी चोट पहुंचाती हैं। कोटक ने 16 जनवरी को लिखे पत्र में कहा कि ऐसा लगता है कि ‘तांडव’ के निर्माताओं ने जानबूझकर हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाया है और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है।