(Pi Bureau)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को मोदी सरकार का बजट पेश किया. इस बार के बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं है. दूसरी तरफ, ज्यादा सालाना आय वालों के लिए यह बजट एक झटके की तरह है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा का PF (Provident Fund) योगदान पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है. ऐसे में ज्यादा कमाई करने वालों को अब भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर भी कर देना होगा. सरकार का यह प्रस्ताव हाई नेटवर्थ इनकम (HNI) वालों के लिए एक झटके की तरह है. हालांकि, सरकार को नए टैक्स प्रावधान से करोड़ों रुपये मिलने की उम्मीद है.
टैक्स और निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन ने बताया कि इससे मोटा वेतन पाने वाले लोगों को नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई कर्मचारी का साल भर का पीएफ योगदान 3 लाख रुपये होता है तो उसकी 50 हजार रुपये की अतिरिक्त पीएफ राशि पर मिलने वाले ब्जाय पर टैक्स लगेगा।
जैन ने बताया कि इस समय पीएफ राशि पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री है और कोई भी अपनी पीएफ राशि पर मिलने वाले ब्याज को नहीं बताता, लेकिन इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद कर्मचारी को अपने आयकर रिटर्न में साल भर के 2.5 लाख से अधिक के पीएफ योगदान पर मिलने वाले ब्याज को बताना पड़ेगा।
यहां आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने पीएफ मनी पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। साल 2016 के बजट में भी इस तरह का प्रस्ताव लाया गया था। उस बजट में EPF की 60 फीसद राशि पर अर्जित ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव था। हालांकि, इस प्रस्ताव के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध होने लगा, तो इसे वापस ले लिया गया।