(Pi Bureau)
म्यांमार में सत्ता पर सेना के नियंत्रण के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र और म्यांमार की सेना के बीच बातचीत हुई हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत ने म्यांमार के सैन्य उप प्रमुख से बात की और सेना की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की और हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को तुरंत रिहा करने की अपील भी की. संयुक्त राष्ट्र महासचिव की म्यांमार मामलों की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर ने राजधानी नेपीता में डिप्टी कमांडर इन चीफ वाइस जनरल सोई विन से बात की. महासचिव एंतानियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह जानकारी दी.
दुजारिक ने कहा कि म्यांमार के डिप्टी कमांडर इन चीफ के साथ ऑनलाइन बातचीत में बर्गनर ने महासचिव द्वारा सेना की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की गई, जिससे देश में लोकतांत्रिक सुधार बाधित हुए हैं. दुजारिक ने कहा कि इस दौरान बर्गनर ने हिरासत में लिए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा करने की अपील को भी दोहराया.
उन्होंने कहा कि बर्गनर ने रोहिंग्या शरणार्थियों के सुरक्षित, सम्मानजनक, स्वैच्छिक और सतत वापसी के मुद्दे, शांति प्रक्रिया, जवाबदेही और वर्तमान मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चल रही सुनवाई में हिस्सा लेने पर भी जोर दिया. दुजारिक ने कहा कि एक फरवरी को सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद पहली बार बर्गनर और सेना उप प्रमुख के बीच ”लंबी और ”काफी महत्वपूर्ण बातचीत हुई है.