(Pi Bureau)
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की द्वितीय सचिव सीमा पुजानी ने बुधवार को पाकिस्तान के बयान के खिलाफ जवाब देने के अधिकार (राइट टू रिप्लाई) का उपयोग किया। पुजानी ने कहा कि हम दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं। इन केंद्र शासित प्रदेशों में बेहतर शासन और विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाना हमारा आंतरिक मामला है।
पुजानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान में ईसाइयों, सिखों और हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों को हिंसा, संस्थागत भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा के स्थानों पर और धार्मिक स्थलों पर लगातार हमले हुए हैं। पुजानी ने कहा कि वहां ऐसे हमले और घटनाएं धर्म और मान्यताओं की स्वतंत्रता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। इनमें भी खास कर हिंदू, सिख और ईसाई महिलाओं की स्थिति तो चिंताजनक बनी हुई है। पुजानी ने कहा कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हर साल इन समुदायों की करीब 1000 महिलाओं का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन या शादी करवा दी जाती है।
पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए एस पुजानी ने कहा कि अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे और अल-कायदा के आतंकवादी उमर सईद शेख को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की ओर से बरी कर देना इसका स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि उमर सईद शेख को बरी कर पाकिस्तान ने इस तरह के आतंकी संगठनों के साथ उसकी सांठगांठ को साफ तौर पर बयां करता है।