भारत नेपाल सीमा पर सैकड़ों ट्रक फंसे, व्यापार प्रभावित

(Pi Bureau)

वर्षकार कलहंस

कृष्णानगर (नेपाल)

भारत नेपाल सीमा पर वाहनों की चेकिंग और प्रशासन की सख्ती के चलते बड़ी तादाद में माल की आवाजाही प्रभावित हुयी है। नेपाल-भारत की सीमा पर सटे उत्तर प्रदेश के बढऩी कस्बे में अकेले सीमेंट,लोहा, केमिकल से लदे 200 से ज्यादा माल से लदे ट्रक फंसे हुए हैं। भारत से हर रोज 250 से ज्यादा ट्रक सीमेंट, चीनी, गुड़, केरोसीन, केमिकल, लोहा आदि लेकर बढऩी के रास्ते नेपाल के कृष्णानगर, दांग, देवखर,पोखरा के बाजारों में जाते हैं। भारत से नेपाल को होने वाले व्यापार का बड़ा हिस्सा बढऩी, सोनौली, बुटवल,धनगढ़ी, नेपालगंज जैसे भारतीय कस्बों से होता है। ट्रकों की आवाजाही प्रभावित होने से भारतीय कस्टम विभाग के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है।

नेपाल के कृष्णानगर के भारत नेपाल वाणिज्य संघ के पदाधिकारी पवन अग्रवाल के मुताबिक बीते दो महीनों से चेकिंग व अन्य सख्ती के नाम पर भारतीय पुलिस नेपाल जाने वाले माल से लदे ट्रकों की आवाजाही रोक रही है। भारतीय पुलिस इन ट्रकों को कभी यातायात संचालन के नाम पर तो कभी सुरक्षा कारणों का हवाला देकर तीन से चार दिनों तक भारतीय सीमा में खड़ा रखती है। इन सब कारणों के चलते भारतीय माल की कीमत नेपाल में बढ़ जा रही है साथ ही व्यापार प्रभावित हो रहा है। नेपाल के बाजारों में सीमेंट, लोहा, केमिकल, गुड़, चीनी, केमिकल व कैरोसीन भारत से ही जाता है। अग्रवाल का कहना है कि अकेले कृष्णानगर ही नही बल्कि ज्यादातर सीमा से सटे भारतीय कस्बों में अकारण की जा रही सख्ती से व्यापार प्रभावित हो रहा है। सीमा पर माल की आवाजाही में आ रही दिक्कतों के चलते नेपाल में भारत से आने वाली चीजों के दामों में भी हाल के दिनों में इजाफा हुआ है जिससे व्यापार भी घटा है।

रविवार को माल ढुलाई में आ रही परेशानियों को लेकर नेपाल के व्यापारियों, भारतीय एजेंटों, ट्रांसपोर्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी दिक्कतों से अवगत कराया। व्यापारियों का कहना है कि नेपाल सीमा पर पहले की तरह ट्रकों की आवाजाही बहाल की जाए। उनका कहना है कि भारतीय सीमा व उत्पाद शुल्क की चौकियों को हर दिन मिलने वाले राजस्व पर पड़ रहे प्रतिकूल असर के मद्देनजर भारत सरकार को गम व्यापार बहाल करना चाहिए।

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