(Pi Bureau)
पाकिस्तान कोराना वायरस, कंगाली और महंगाई की मार जूझ रहा है। पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों और संकटों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने हारकर बुधवार को भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में पहला कदम रखा है। इमरान सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच दो साल से ठप्प व्यापार एक बार फिर शुरू करने को हरी झंडी दी है।
पाकिस्तान की आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट की बैठक में इमरान खान सरकार ने भारत के साथ व्यापार शुरू करने पर फैसला लिया है। इससे पहले, अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत से नाता तोड़ लिया था। पाकिस्तान सरकार चीनी और कपास का आयात ऐसे समय पर करने जा रही है, जब इन दोनों के लिए पाकिस्तान को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इमरान ने मोदी की चिट्टी के जवाब में लिखी पाती
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा कि जम्मू कश्मीर मुद्दा सहित दोनों देशों के बीच लंबित सभी मुद्दों का समाधान करने को लेकर सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। खान ने यह पत्र पाकिस्तान दिवस के मौके पर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें भेजी गई बधाइयों के जवाब में लिखा है।
मोदी ने रखी थी इमरान के सामने ये शर्त
मोदी ने अपने पत्र में कहा था कि पाकिस्तान के साथ भारत सौहार्द्रपूर्ण संबंधों की आकांक्षा करता है, लेकिन विश्वास का वातावरण, आतंक और बैर रहित माहौल इसके लिए अनिवार्य है।
प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के जवाब में खान ने उनका शुक्रिया अदा किया। साथ ही कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगी संबंध की आकांक्षा करते हैं। आतंक मुक्त माहौल पर खान ने कहा कि शांति तभी संभव है, यदि कश्मीर जैसे सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो जाए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 29 मार्च को लिखे पत्र में कहा, ”हम इस बात से सहमत हैं कि खासतौर पर जम्मू कश्मीर विवाद जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित सभी मुद्दों के समाधान पर दक्षिण एशिया में टिकाऊ शांति एवं स्थिरता निर्भर करती है।”
खान ने कहा कि सार्थक एवं नतीजे देने वाली वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों को शुभकमानाएं भी दीं।
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत की तरफ शांति का हाथ बढ़ाते हुए कहा था कि वक्त आ गया है कि दोनों पड़ोसी देश अतीत को भुला दें और आगे बढ़ें।