(Pi Bureau)
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट की बैठक में ऑटो-टैक्सी चालकों को 5-5 हजार रुपये की सहायता योजना को मंजूरी दे दी गई। परिवहन विभाग के इससे जुड़े प्रस्ताव के पास होने का फायदा दिल्ली के चालकों को होगा। खास बात यह कि जिन लोगों ने पिछले साल इसी तरह की योजना का फायदा उठाया था, इनको इस बार आवेदन करने की जरूरत नहीं है। स्थानीय निकायों से सभी चालकों का सत्यापन कराया जाएगा और उसके बाद उनके आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में 5000 रुपए सीधे स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।
इससे पहले बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि सरकार पीएसवी बैज और पैरा ट्रांजिट वाहनों के परमिट धारकों को 5-5 हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इससे ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी, फाटफाट सेवा, ईको फ्रैंडली सेवा, ग्रामीण सेवा और मैक्सी कैब चालकों को फायदा मिलेगा। इसकी वजह यह रही है कि कोरोना जनित लॉकडाउन ने इन तबके की कमाई पर बुरा असर डाला है। बड़ी संख्या में चालक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। सरकार की नई योजना ऐसे लोगों के लिए राहत लेकर आएगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण विशेष रूप से ऑटो-टैक्सी चालकों सहित दिहाड़ी मजदूरों को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। परिवहन के क्षेत्र में विशेष रूप से ऑटो दिल्ली की जीवन रेखा हैं। जो ऑटो-टैक्सी चालक इस सहायता योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं, उनको यह सुविधा मिलेगी।
2020 में भी आई थी योजना
लॉकडाउन के दौरान बीते साल अप्रैल में दिल्ली सरकार ने दो अलग-अलग योजनाएं शुरू की थीं। दिल्ली में पैरा-ट्रांजिट वाहनों के 1,56,350 मालिकों को दोनों योजनाओं से लाभांवित किया गया था और उन्हें कुल 78 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी। दिल्ली में इस समय 2.80 लाख से अधिक पीएसवी बैज धारक और 1.90 लाख परमिट धारक हैं, जो इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने इसके लिए पहले से ही आवश्यक बजटीय प्रावधान किए हैं।