(Pi Bureau)
शरीर में पाए जाने वाले हर एक तत्व का बहुत ही महत्व होता है और शरीर के स्वस्थ बने रहने के लिए उनका संतुलन में रहना बहुत जरूरी होता है। अगर किसी भी तत्व की कमी या अधिकता हो जाती है, तो उसका प्रभाव शरीर पर दिखने लगता है। हमारे शरीर में यूरिक एसिड भी मौजूद होता है। दरअसल, यूरिक एसिड एक केमिकल उत्पादित पदार्थ होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इसकी ज्यादातर मात्रा खून में घुल जाती है, जिसको किडनी फिल्टर करके मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। हालांकि कई बार शरीर अधिक मात्रा में यूरिक एसिड का उत्पादन करने लगता है, जिसे किडनी फिल्टर नहीं कर पाती। ऐसे में शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे गाउट नाम की बीमारी हो सकती है।
आइए जानते हैं इस बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में…
गाउट बीमारी क्या होती है?
गाउट, गठिया का ही एक रूप होता है, जिसमें पैर की बड़ी उंगली सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, लेकिन यह घुटने, टखने और पैर के निचले हिस्से को भी प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन मध्यम आयु वर्ग के लोगों में इसकी संभावना अधिक होती है।
गाउट के लक्षण क्या हैं?
जोड़ों में दर्द और सूजन
जोड़ छूने पर गर्म महसूस होना
पैरों और पैरों की बड़ी उंगलियों में सूजन
जोड़ों के आसपास जलन महसूस होना
टखनों या घुटनों में दर्द और सूजन
यूरिक एसिड न बढ़े, इसके लिए क्या करें?
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा न बढ़े, इसके लिए फाइबर से भरपूर आहार जैसे दलिया, कद्दू, अजवाइन, ब्रोकली आदि का सेवन करें। इसके अलावा शरीर में विटामिन-सी और पानी की कमी न होने दें। विशेषज्ञ कहते हैं कि रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में यूरिक एसिड जमता नहीं है और अगर पहले से जमा हुआ होता है तो वह उसे बाहर निकाल देता है।