बुरे हालात:: गजनी शहर पर अब तालिबान का कब्जा, अफगान सरकार ने दिया ये बड़ा प्रस्ताव !!!

(Pi Bureau)

तालिबान ने अब अफगानिस्तान के गजनी शहर पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। यह शहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है। जानकरी के मुताबिक गजनी दसवीं राजधानी है, जिसे तालिबान ने इस सप्ताह अपने कब्जे में लिया है। इससे अफगानिस्तान में लगातार राजनीतिक हालात खराब हो रहे हैं। इसको देखते हुए अमेरिका की चिंता भी बढ़ गई है। उसे चिंता है कि तालिबान 90 दिनों के अंदर काबुल पर अपना कब्जा जमा सकता है, जिसके बाद वहां सत्ता गिर सकती है। 

इसके बाद से ही अफगानिस्तान सरकार ने सुलह की कोशिशें शुरू कर दी हैं। कतर में तालिबानियों से बातचीत कर रहे सरकारी अधिकारियों ने जंग खत्म करने के लिए सत्ता साझा करने का प्रस्ताव दिया है। अफगान सरकार तालिबानियों को सत्ता में साझेदार बनाना चाहती है, ताकि वो देश में जंग खत्म कर दें।

कई मुख्य केंद्रों पर तालिबान का कब्जा
एएफपी ने प्रांतीय परिषद के प्रमुख नासिर अहमद के हवाले से बताया कि तालिबान ने अफगानिस्तान के ज्यादातर मुख्य केंद्रों पर कब्जा जमा लिया है। इसमें गवर्नर ऑफिस, पुलिस हेडक्वार्टर, जेल शामिल है। हालांकि, कई जगह से अभी भी संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन तालिबान ने प्रांतीय राजधानी के काफी नजदीक तक अपना कब्जा जमा लिया है। जिसके बाद तालिबान के प्रवक्ता की ओर से बयान जारी करके बताया गया है कि गजनी शहर अब तालिबान के नियंत्रण में है। 

अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है गजनी
भौलोगिक और राजनैतिक दोनों रूप से गजनी शहर अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह शहर काबुल-कंधार हाईवे पर स्थित है। जो अफगानिस्तान और उसकी राजधानी काबुल को जोड़ने का कार्य करता है। 

वायु सेना पर बढ़ा दबाव
गजनी पर तालिबान का कब्जा होते ही अफगान वायु सेना पर दबाव भी बढ़ गया है। वायुसेना पहले से ही कठिनाईयों का सामना करते हुए तालिबान से लड़ रही है। पिछले एक सप्ताह में दस से ज्यादा राजधानियों पर कब्जे की इस खबर ने वायुसेना की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने खुफिया सूत्रों के आधार पर दावा किया गया है कि तालिबान एक सप्ताह के अंदर काबुल को अलग-थलग कर उस पर कब्जा जमा लेगा। 

विदेश मंत्रालय ने जाहिर की चिंता
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिगड़ते हालातों पर अपनी चिंता जाहिर की है। रूस, अमेरिका, चीन, पाकिस्तान के साथ हुई बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान सरकार ने अंतररष्ट्रीय समुदाय के सामने तालिबान के क्रूर हमलों और मानवाधिकार के उल्लंघन के मुद्ददे को उठाया है। साथ ही इन हमलों को रोकने के लिए मदद की भी अपील की गई है। 

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