(Pi Bureau)
तालिबान के लिए अफगानिस्तान का पंजशीर टेढ़ी खीर बन गया है। यहां पर कब्जे के लिए अभी भी संघर्ष जारी है। बार-बार तालिबान दावा कर रहा है कि उसके लड़ाकों ने पंजशीर को अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन अफगान प्रतिरोधी मोर्चे की ओर से इस दावे को खारिज किया जा रहा है।
अब एक बार फिर खबर सामने आई है कि तालिबान और अफगान प्रतिरोधी मोर्च के बीच जारी संघर्ष में 600 से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया गया है। प्रतिरोधी मोर्चे के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने ट्वीट किया है कि उनके लड़ाकों ने 600 से ज्यादा तालिबानी मार तो गिराए ही हैं। एक हजार से ज्यादा ने आत्मसमर्पण भी कर दिया है।
तालिबान का दावा चार जिलों पर जमाया कब्जा
एक तरफ अफगान प्रतिरोधी मोर्चे ने 600 तालिबानियों को मार गिराने का दावा किया है तो दूसरी ओर तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिलों पर कब्जा जमा लिया है। अल जजीरा के मुताबिक, तालिबान के एक नेता का कहना है कि हमारी लड़ाई जारी थी और लड़ाके गवर्नर हाउस की ओर से बढ़ रहे थे, लेकिन रास्ते में बारूदी सुरंगों के कारण लड़ाई धीमी पड़ गई। वहीं तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी का कहना है कि हमने खिंच व उनाबहा जिले पर अपना कब्जा जमा लिया है, इसके बाद पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिले हमारे कब्जे में आ चुके हैं। उसने आगे कहा कि हमारे लड़ाके अब पंजशीर की ओर बढ़ रहे हैं।
अहमद मसूद बोला हम लड़ते रहेंगे
तालिबान के दावे से इतर अफगान प्रतिरोधी मोर्चे के प्रवक्ता फहीन दश्ती का कहना है कि ख्वाक दर्रे में हमारे लड़ाकों ने हजारों तालिबानियों को घेर लिया है और रेवाक क्षेत्र में कब्जे में लिए गए वाहनों को छोड़ दिया गया है। उधर, पंजशीर के कमांडर अहमद मसूद ने फेसबुक पर लिखा है कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी और पंजशीर में और मजबूत हो रहे हैं। साहेल का कहना है कि अफगानी प्रतिरोधी मोर्चे के लिए यह कठिन परिस्थिति है, लेकिन हम हार नहीं मानने वाले। तालिबान के खिलाफ जंग जारी रहेगी और हम जीत कर रहेंगे।
अमेरिका ने जताई गृह युद्ध की आशंका
इस बीच अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले ने अफगानिस्तान में गृह युद्ध की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात हैं, उससे जल्द ही गृह युद्ध छिड़ सकता है। मुझे नहीं पता कि तालिबानी सरकार को चला पाने और अपना शासन स्थापित करने में सक्षम है या नहीं। फॉक्स न्यूज़ से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अगर तालिबान अपना शासन स्थापित नहीं कर पाया तो आने वाले सालों में अफगानिस्तान में फिर से अल-कायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन विकसित होने लगेंगे।